घोसी सांसद से नोंकझोंक
16 Oct 2024
- जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान हुआ वाकया
मऊ : घोसी सांसद राजीव राय शिकायतों पर बुधवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां लापरवाह डाक्टर सौरभ त्रिपाठी नोंक-झोंक करने लगे। इन्हीं चिकित्सक ने कुछ महीने पूर्व एक पत्रकार को हेलमेट चलाकर मारा था।
व्यस्था देखने पहुंचे सांसद
सांसद राजीव राय जिला अस्पतात की व्यवस्था को देखने पहुंचे थे। ओपीडी एवं इमरजेंसी वार्डों में पहुचकर मरीजों का हाल जान रहे थे। इसी क्रम में ईएनटी स्पेशलिस्ट डा. सौरभ त्रिपाठी के ओपीडी कक्ष में पहुंचे। मरीजों से हाल-चाल ले रहे थे कि डा. सौरभ त्रिपाठी सांसद को देखकर बिदग गए और नोंक झोंक करने लगे।
बोलने लगा उल्टा
इसी बीच जिला अस्पताल के सीएमएस मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया। इस मामले में सांसद राजीव राय का कहना है कि जनता की शिकायत के आधार पर जिला अस्पताल का दौरा करने के लिए आया था। प्रत्येक डाक्टरों एवं मरीजों से मिलकर अस्पताल की ब्यवस्था का हाल जान रहा था कि इसी बीच डा सौरभ त्रिपाठी ने उल्टा पुल्टा बोलना शुरू किया। इसकी शिकायत मैंने सीएमएस से की। उन्होंने कहा है कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पत्रकार पर भी खोया था आपा
गौरतलब है कि सौरभ त्रिपाठी विवादित हैं। हमेशा उनकी झड़प मरीजों से लेकर तीमारदारों से होती रहती है। विगत दिनों अपनी ड्यूटी से गायब रहने के कारण एक पत्रकार से भी वह उलझ गए थे। डाक्टर ने अपना आपा खोते हुए पत्रकार को हेलमेट चलाकर मार दिया था। जिसका मुकदमा कोर्ट में चल रहा है। दूसरा मामला घोसी में दिवाल गिरने से कई लोगों की मौत और दर्जनभर लोग घायल हुए तब घायलों का ईलाज करने के बजाय जिला अस्पताल से वाराणसी के लिए रेफर किया जा रहा था।
बीजेपी नेता से भी की थी बदसलूकी
जिसके कारण कई लोग रास्ते में दम तोड़ दिए। इस घटना को संज्ञान में लेकर भाजपा नेता शक्ति सिंह अस्पताल पहुंचे और संयोगवश इमरजेंसी में डा सौरभ त्रिपाठी मौजूद थे। शक्ति सिंह और डा. सौरभ त्रिपाठी में नोंक-झोंक हुआ थी। इस मामले में भाजपा नेता शक्ति सिंह ने सीधे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को फोन लगाकर डाक्टर सौरभ त्रिपाठी की बदसलूकी एवं जिला अस्पताल की बदइंतजामी का मामला बताया था। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
सांसद का यह है आरोप
घोसी सांसद राजीव राय को डा. सौरभ त्रिपाठी ने कहा कि आप नेतागिरी बाहर करिए। सांसद का आरोप है कि जिला अस्पताल दलालों का अड्डा बन गया है। इससे संबंधित खबर जब पत्रकार चलाता है तो उस पर भी मुकदमा इन दलालों का काकस डाक्टरों से मिलकर करवा देता है। कोई समाजसेवी या नेता इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसको सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की बात कहकर मुकदमा कराने की धमकी दी जाती है।