मऊ में गर्भवती बहू की पिटाई, गई गर्भस्थ शिशु की जान
18 Aug 2024
- दहेज के लिए प्रताड़ित करने का भी लगा आरोप
- अदालत के आदेश पर ससुरालीजनों पर मुकदमा
मऊ : दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मदनपुरा में तीन साल पहले ब्याही गई 25 वर्षीय नूरअफशां को दहेजलोभियों ने प्रताड़ित किया। जब वह गर्भवती थी तब भी नहीं बख्शा। उसकी पिटाई से गर्भस्थ शिशु की जान चली गई। मायके में इलाज कराने से नूरअफशा की जान बची। पीड़िता ने इस संबंध में पुलिस से गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अंत में न्यायालय की शरण ली। अदालत के आदेश पर शहर कोतवाली पुलिस ने सात ससुरालीजनों के खिलाफ 17 अगस्त को सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
इन आरोपियों को किया नामजद
नूर अफशा शहर कोतवाली क्षेत्र के हट्ठीमदारी निवासी इश्तेयाक अहमद की पुत्री है। उसने दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मदनपुरा निवासी पति इस्लामुद्दीन समेत सात ससुरालीजनों को नामजद किया है। आरोपियों में मुमताज अहमद पुत्र स्व. मुख्तार अहमद, सकीना बानों पत्नी मुमताज अहमद, इस्लामुद्दीन, इरशाद, फैजान अहमद, बेलाल अहमद पुत्रगण मुमताज अहमद निवासीगण मुहल्ला-मदनपुरा, थाना-दक्षिण टोला, जरीना खातून पत्नी मोहम्मद जौहर निवासी मुहल्ला- औरंगाबाद, थाना-दक्षिण टोला शामिल हैं।
लड़का पैदा होने पर भी नहीं सुधरे हालात
नूर अफशां का कथन है कि उसका निकाह इस्लामुद्दीन पुत्र मुमताज अहमद के साथ एक अगस्त 2021 को हुआ। अपने पिता व रिश्तेदारों द्वारा दिये गये उपहार के सामान के साथ विदा होकर ससुराल गई। सितंबर 2021 में उसका पति सऊदी अरब चला गया। पति के संसर्ग से उसका दो साल का एक पुत्र भी है। आरोप है कि शादी के बाद से ही पति, सास, ससुर, ननद व देवर दहेज में पल्सर मोटरसाईकिल व पांच लाख रूपये की मांग को लेकर तरह-तरह से मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। वह सहती रही। लड़का पैदा होने के बाद उसने सोचा कि सब कुछ सामान्य हो जायेगा मगर ससुराल वालों की प्रताड़ना उसके बाद भी लगातार बढ़ती चली गयी।
पति के फोन के बाद हुए हमलावर
प्रताड़ना की बात समय-समय पर वह मायके वालों को बताती रही। उसके माता-पिता उसे ही समझाते कि बर्दाश्त करो, सब कुछ धीरे-धीरे सामान्य हो जायेगा। छह दिसंबर 2023 को दिन में लगभग दो बजे समय लगभग 2 बजे उसके पति इस्लामुद्दीन ने सऊदी अरब से मोबाईल से अपने माता-पिता व घर वालों से बातचीत की। उसके तत्काल बाद मुमताज अहमद, सकीना बानों, बेलाल अहमद, फैजान अहमद, इरशाद अहमद, जरीना खातून ने दहेज की फिर मांग की। उस समय नूर अफशां तीन माह के गर्भ से थी। असमर्थता जताने पर उसे मारे पीटे। इससे उसके पेट में काफी चोटें आयी। चोट के कारण 2-4 दिन बाद पेट में दर्द शुरू हुआ। उसने बताया भी लेकिन दो सप्ताह तक दवा इलाज नहीं कराया।
टरकाती रही पुलिस
नूर अफशां की तबीयत बिगड़ती चली गयी। उसने मजबूर होकर अपने मायके पिता व भाई को सूचना दी। भाई आकार उसकी हालत को देखकर तत्काल डाक्टर को दिखाया। डाक्टर की सलाह पर 31 दिसंबर 2023 को अल्ट्रासाउंड हुआ। डाक्टर ने बताया कि कई दिनों पहले से बच्चा पेट में मर चुका है, अगर नूर अफशा की जिन्दगी बचानी है तो तत्काल एबार्शन कराना होगा। आरोप है कि ससुराल वालों द्वारा पहुंचाई गई चोट के कारण गर्भ में पल रहे शिशु की मृत्यु हुई। मायके के लोगों ने नूर अफशां का इलाज कराया तब उसकी जान बची। स्वस्थ्य होने पर उसने घटना की सूचना थाना दक्षिण टोला पर दी। पुलिस जाँच कर कार्यवाही करने की बात कहकर टाल मटोल करती रही। इसके बाद उसने घटना की सूचना 25 जुलाई 2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पुलिस अधीक्षक मऊ को दिया। बावजूद रिपोर्ट दर्ज न होने पर उसने न्यायालय की शरण ली।