छिनैती के आरोपी पीलीभीत के एसपी
04 Mar 2024
- मऊ में दो पत्रकारों की मोबाइल छिनवाया, किया पद का दुरुपयोग
- एक का हाईकोर्ट में मुकदमा, दूसरा पत्रकार लोवर कोर्ट की शरण में
मऊ : यहां के एसपी रह चुके आइपीएस अविनाश पांडेय को संभवतः अपने पद की गरिमा का ही नहीं पता है। यही वजह है कि जिला बनने के 36 साल में मऊ के पुलिस अधीक्षक पद को सुशोभित करने वाले पुलिस अधीक्षकों में उनका कार्यकाल सबसे फेल्योर गिना जा रहा है। अपनी खामियों की खबर पढ़ना सुनना उन्हें पसंद नहीं। अपराधियों की बजाय वह खबर लिखने वालों को पद का दुरुपयोग कर ठीक करने में लग जाते हैं। मऊ में दो वरिष्ठ पत्रकारों के यहां अवैधानिक रूप से दबिश ही नहीं दिलाई, उन्हें जेल भेजा और उनकी मोबाइल भी छिनवा लिया। यह अलग बात है कि दोनों पत्रकार कानून के रास्ते उनसे लड़ने को पूरी तरह तैयार हैं। मोबाइल छिनैती के आरोपी पीलीभीत के वर्तमान एसपी के खिलाफ एक ने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है तो दूसरे ने मऊ जिले के लोवर कोर्ट की शरण ली है।
मनमानी की पोल खुलने से बौखलाए
खाकी के घमंड में पद का दुरुपयोग करने, जिले में इंस्पेक्टरों की मौजूदगी के बावजूद एसआई अमित मिश्रा को तीन - तीन प्रभार (थानाध्यक्ष कोपागंज, एसओजी प्रभारी, स्वाट टीम प्रभारी) देने जैसी मनमानी की खबरों से खुद में सुधार लाने की बजाय मऊ के पुलिस अधीक्षक रहते अविनाश पांडेय बौखला गए। पद के दुरुपयोग की खबरों ने उनकी नींद ही नहीं उड़ाई, उन्हें पद का दुरुपयोग कर bulandawaj.com के संपादक बृजेश यादव के घर 1 अक्तूबर 2023 की रात दबिश दिलवाने पर विवश किया। बुलंद आवाज की खबरों के चलते सस्पेंड हो चुके खाकीधारी इंस्पेक्टर सौरभ राय को मौका मिला तो उन्होंने एसपी का कान भरने में कोई कमी नहीं की। एसपी का पूरा टारगेट संपादक की मोबाइल थी, जिसे उन्होंने तत्कालीन रानीपुर थानाध्यक्ष दलप्रताप सिंह और एसओजी प्रभारी अमित मिश्रा से छिनवा लिया।
किचकिचाकर पोर्टल व फेसबुक किया डिलीट
मऊ के एसपी रहे अविनाश पांडेय ने बुलंद आवाज के संपादक की मोबाइल छीनवाने के बाद अपने पास मंगाई। बुलंद आवाज के संपादक को एसडीएम मुहम्मदाबाद गोहना पर दबाव बनाकर महात्मा गांधी जयंती के दिन 2 अक्तूबर 2023 को शांतिभंग की धारा 151 में जेल भिजवाया। अगले दिन पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के दबाव पर एसडीएम मुहम्मदाबाद गोहना ने जब रिहाई कराई तो पुलिस के एक-एक कृत्यों का खुलासा होने लगा। सूत्रों ने बताया कि अविनाश पांडेय ने बुलंद आवाज की मोबाइल से सबसे पहले अपने खिलाफ लिखी खबरों को मिटाया।इसके बाद बुलंद आवाज पोर्टल और फेसबुक किचकिचाकर डिलीट किया। बुलंद आवाज द्वारा अपने मोबाइल नंबर की लोकेशन के संबंध में बीएसएनएल से मांगी गई सूचना के मिले जवाब से मोबाइल के एसपी आवास भुजौटी पर होने का साक्ष्य भी हाथ लग चुका है।
वर्दी के घमंड में हाईकोर्ट की अवमानना
बुलंद आवाज के संपादक के जेल से अगले ही दिन रिहा हो जाने पर वर्दी के घमंड में चूर आइपीएस अविनाश पांडेय हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करने से भी बाज नहीं आए। खबरों के जरिए हिटलरशाही की पोल खोलने से बौखलाए तत्कालीन मधुबन इंस्पेक्टर सौरभ राय ने जिस मामले में मानहानि का मुकदमा किया था, उस पर 6 अक्तूबर 2023 को हाईकोर्ट से स्टे हो गया। इसके बावजूद इसी मामले के bw वारंट का तामिला के दौरान हेड कांस्टेबल की वर्दी फाड़ने, रंगदारी मांगने के संज्ञेय अपराध में फर्जी मुकदमा लिखवा दिया। इसके बाद एसओजी टीम को सम्पादक के पीछे लगा दिया। न्यायालय ने खाकी के पद के दुरुपयोग को गंभीरता से लेते हुए संपादक को अग्रिम जमानत दे दी।
ट्रांसफर होने पर भी नहीं दी मोबाइल
पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय ने भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले खरी दुनिया की खबरों से खफा होकर संपादक ब्रह्मानंद पांडेय की मोबाइल छिनवा ली। दोनों मोबाइलों को पीलीभीत ट्रांसफर होने के बाद भी नहीं लौटाया। एसओजी प्रभारी अमित मिश्रा बुलंद आवाज के संपादक से मोबाइल लेने से अब साफ इंकार करने लगे हैं। खरी दुनिया के संपादक की भी मोबाइल स्वाट टीम इंचार्ज ने नहीं लौटाई। दोनों संपादकों ने खाकी का दुरुपयोग कर छिनैती करने व कराने वाले आइपीएस अविनाश पांडेय व अन्य खाकीधारियों के खिलाफ न्यायालय की शरण ली है। खरी दुनिया के प्रकरण को जहां हाईकोर्ट को संज्ञान दिलाया गया है, वहीं बुलंद आवाज ने मऊ के लोवर कोर्ट की शरण ली है। आइपीएस अविनाश पांडेय के पद के दुरुपयोग की कहानी क्रमशः जारी....।