खाकीधारी बन युवतियों को फंसाकर ठगने वाला गिरोह चढ़ा आजमगढ़ पुलिस के हत्थे

11 Sep 2023

-jivansathi.com और इंस्टाग्राम के जरिए करते थे शिकार की तलाश
-फर्जी वर्दी पहन खुद को दरोगा बताकर बढ़ाते थे युवतियों से मेल-जोल
-परिवार के किसी सदस्य की बीमारी का बहाना बनाकर ऐंठ लेते थे रुपए

bulandawaj.com

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आजमगढ़ : सोशल प्लेटफॉर्म जितने ही सुविधाजनक हैं उतने ही जोखिम भरे भी। जनपद पुलिस के हाथ सोमवार को एक ऐसा गिरोह चढ़ा जो jivansathi.com और इंस्टाग्राम के जरिए जीवनसाथी तलाश रही युवतियों को जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह में चार सदस्य शामिल हैं। यह फर्जी खाकी वर्दी धारण कर खुद को दरोगा बताकर युवतियों को प्रभाव में ले लेते थे। मेलजोल के बाद परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के खर्चे का बहाना बनाकर युवतियों से गूगल पे या अन्य माध्यम से रुपए ऐंठ लेते थे।

पुलिस वालों के साथ प्रोफाइल पर डालते तस्वीर

आजमगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़ा यह गैंग कभी पुलिस की वर्दी पहना करता था। गैंग का सरगना पुलिस की वर्दी पहन कर Instagram और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने आप को एसआई बताता था। पुलिस का मेडल लगाता था। पुलिस वालों और नेताओं के साथ फोटो प्रोफाईल पर डालता था। गैंग के सदस्य पुलिस की वर्दी पहन कर दफ्तरों में भी जाते थे। यही नहीं पुलिस के समारोह में भी शामिल हो जाते हैं। जब किसी लड़की के शादी के प्रोपोजल आते हैं, तो गैंग के सदस्य उससे नजदीकी बढ़ाते हैं और फिर मां के आपरेशन के नाम पर पैसे मांगते हैं। अपने शिकारों को यह Instagram और Jeevansathi.com से लॉगआउट कराते हैं और फिर सम्पर्क काट देते हैं। 

दो कार, तमंचा व पुलिस की वर्दी बरामद

यह गैंग यूपी के आजमगढ़ में प्रवेश किया तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस की वर्दी पहनकर प्रतिष्ठित लोगों के साथ इंटरनेट मीडिया पर फोटो प्रसारित कर युवतियों को अपने जाल में फंसाकर रुपयों की ठगी करने वाले फर्जी दारोगा को पुलिस ने तीन लोगों के साथ गिरफ्तार किया है। ठगी करने वाला यह गिरोह लखनऊ व पूर्वांचल के कई जिलों में लड़कियों को अपना शिकार बना चुका है। पुलिस ने आरोपितों के पास से वैगनआर, स्विफ्ट कार, तमंचा व पुलिस की वर्दी बरामद किया।

बलिया के हैं सभी शातिर

गैंग के सदस्यों की पहचान बलिया के सहतवार थाना के दुधैला के धीरज सिंह, रेवती थाना के नौकागांव के पंकज सिंह, प्रवीण प्रताप सिंह और बैरिया थाना के श्रीनगर गांव के राजेश सिंह के रूप में हुई। धीरज सिंह पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को दारोगा बताते हुए लगभग तीन वर्षों से जीवनसाथी डाट काम व इंस्टाग्राम के माध्यम से युवतियों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करता रहा है। पुलिस वालों और नेताओं के साथ उसकी प्रोफाइल फोटो देखकर उसके प्रभाव में आने वाली युवतियों से नजदीकी बढ़ाता था। कुछ दिन बाद अचानक अपनी मजबूरी बताकर उनसे धन उगाही करने के बाद अपना संपर्क तोड़ लेता था।

कई जिलों में दर्ज है मुकदमा 

इस तरह से वह बलिया, मिर्जापुर, प्रयागराज व लखनऊ में कई युवतियों को अपना शिकार बना चुका है। ठगी के मामले में उसके खिलाफ प्रयागराज व लखनऊ में मुकदमे भी दर्ज हैं। आजमगढ़ के फूलपुर व शहर कोतवाली में भी दो अभियोग पंजीकृत हैं। आरोपित धीरज सिंह ने खुद को आजमगढ़ जिले में तैनात होने की जानकारी देकर कानपुर के संचेड़ी थाना के रामपुर भीमसेन कला निवासी बृजेन्द्र सिंह की भतीजी को प्रभाव में लेकर उससे 70 हजार रुपये व फूलपुर कोतवाली में तैनाती बताते हुए एक अन्य युवती को 50 हजार रुपये की चपत लगा चुका है।

भांजे के साथ मामा भी शामिल
इस गोरखधंधे में आरोपित धीरज सिंह का मामा पंकज सिंह व कई अन्य शामिल हैं। गिरोह की तलाश में जुटी पुलिस को 11 सितंबर को सूचना मिली कि धीरज सिंह अपने मामा पंकज सिंह सहित अन्य साथियों के साथ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लखनऊ की ओर जा रहा है। पुलिस सक्रिय हुई और मुबारकपुर क्षेत्र में सठियांव के समीप बने कट तथा सिधारी क्षेत्र में बैठौली पुल के समीप वैगनआर व स्विफ्ट कार में सवार चार लोगों को दबोच लिया। अब पुलिस इनके आपराधिक रिकार्ड खंगालने के साथ ही गैंग के अन्य सदस्यों का भी पता कर रही है।

गिरफ्तार करने वाली टीम

वरिष्ठ उपनिरीक्षक संजय कुमार सिंह, उप निरीक्षक महेन्द्र कुमार थाना मुबारकपुर। हेड कांस्टेबल नसीरुद्दीन, मोहम्मद हुमायू, कांस्टेबल प्रवेश चौधरी, राहुल चौधरी थाना मुबारकपुर। 



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