मऊ : पाकिस्तान की सीमा में घुसकर फतह दिलाने वाले कैप्टन रामचन्द्र का निधन

13 Jan 2023

-चीन के खिलाफ व बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में दुश्मनों के दांत किये खट्टे
-दो बार युद्ध व सेवानिवृत्त होने पर लकवा से मौत को दे चुके थे मात
-हलधरपुर के चकरा बाजार के थे निवासी, युवाओं के थे प्रेरणास्रोत

बुलंद आवाज ब्यूरो

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मऊ : सेना में रहते देश के लिए युद्ध लड़कर दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले सेवानिवृत्त कैप्टन रामचंद्र यादव का निधन हो गया। उन्होंने 77 साल की अवस्था में नई दिल्ली के फोर्टीज हॉस्पिटल में 11 जनवरी 2023 की शाम 4:45 बजे आखिरी सांस ली। कैप्टन रामचंद्र यादव जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा बाजार के निवासी थे। वह सेना में भर्ती होने वाले युवाओं के प्रेरणास्रोत थे। बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में पाकिस्तान की सीमा में 10 किलोमीटर अंदर घुसकर फतह हासिल करने वाले सेना के जमाने में वह भी एक थे। उनके निधन से रतनपुरा ब्लाक क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है।

श्रद्धा सुमन अर्पित करने उमड़ी भीड़

चकरा बाजार निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन रामचंद्र यादव (77 वर्ष) अत्यंत कर्मठ एवं मृदुभाषी स्वभाव के थे। वह 1964 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। इसके पश्चात उन्होंने भारत-चीन युद्ध एवं बंग्लादेश मुक्ति युद्ध 1971 में भाग लिया था। विगत दिनों उनकी तबीयत खराब होने पर परिजनों ने दिल्ली स्थित सुखदेव बिहार के फोर्टीज अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उन्होंने आखिरी सांस ली। यह खबर सुनते ही जिले में शोक की लहर दौड़ गई। 12 जनवरी की सुबह उनका शव घर पर पहुंचते ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने वाले लोगों की भीड़ जुट गई। बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने उन्हें भारत मां का सच्चा सपूत बताया।

छोड़ गए भरा-पूरा परिवार

उनके घर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुँचे कुछ मित्रों के अनुसार बंग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सीमा में लगभग 10 किलोमीटर अंदर तक जाकर की गई लड़ाई का जिक्र अक्सर वह अपने साथियों के बीच में किया करते थे। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी स्थित गंगा तट पर किया गया। उनकी पत्नी चन्द्रावती देवी बच्चों के साथ खेती का कार्य करतीं हैं। कैप्टन साहब दो लडाई और सेवानिवृत्त के बाद 2002 में लकवा ग्रस्त बिमारी यानी तीन बार मौत से सुरक्षित बचे थे। उनके दो पुत्र कमलेश और संन्तोष एव तीन पुत्री रिंकू, रीता और अनीता सभी शादीशुदा से हरा भरा परिवार है। कैप्टन साहब के निधन से हर देशभक्त गमगीन है।



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