मऊ में मिल चुके डेंगू के 16 मरीज
08 Nov 2022
-स्लाइड व किट से हुई जांच में 12 मलेरिया के भी रोगी आए सामने, सभी हुए स्वस्थ
-सीएमओ की सलाह, बुखार में लें डाक्टर से परामर्श, न पड़ें झाड़-फूख के चक्कर में
-जिले के 54 हजार 839 लोगों की आशा, बीएसडब्लू ने गांवों में भ्रमण कर की जांच
बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : मानसून के बाद वायरल और मच्छरजनित रोग अपना असर दिखाने लगे हैं। जिले में जनवरी से अक्टूबर तक 16 डेंगू रोगी मिल चुके हैं। स्लाइउ व किट से हुई जांच में 12 मलेरिया के भी रोगी सामने आये। इन दोनों रोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरत रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेश अग्रवाल ने बुलंद आवाज से बातचीत में लोगों को बुखार होने पर सीधे डाक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी है। उन्होंने झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर जान जोखिम में न डालने की अपील की है।
बरसात के बाद बढ़े बुखार के मरीज
सीएमओ ने बताया कि बरसात के बाद बुखार के मरीज बढ़े हैं। जनपद में जनवरी से अक्टूबर तक 54 हजार 839 लोगों की आशा, बीएचडब्लू द्वारा ग्राम भ्रमण के दौरान किट और स्लाइड बनाकर जांच की गई। लैब में एलटी और एलए प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया। इसमें 12 मलेरिया के धनात्मक मरीज, 793 संभावित मरीजों की डेंगू किट से जांच में 16 डेंगू के मरीज पॉजिटिव मिले थे। सभी इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
दिन में एडीज मच्छरों से रहें सावधान
उन्होंने बताया कि इस तरह के बुखार का प्रकोप फैलाने वाला एडीज मच्छर सामान्यतः दिन में काटता है। इससे ग्रसित मरीजों को इतना दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट रही हों। जलजमाव वाली जगह एडीज मच्छरों के पैदा होने के लिए अनुकूल होती है। मच्छरों के काटने वाली जगहों पर शरीर को ढंककर रखें। सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें। अपने आसपास कूलर, गमले और टायर आदि में पानी न रहने दें। कूलर या पानी वाली जगहों पर जला हुआ मोबिल, किरासन तेल या मच्छर भगाने के पाउडर का छिड़काव करें। पानी की टंकियों को सही तरीके से ढक कर रखें। खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं। घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिरदर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, डायरिया हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर सीधे जिला चिकित्सालय या अपने समीप के सामुदायिक स्वा.केन्द्रों पर पहुंचकर चिकित्सक से परामर्श लें। झाड़-फूंख व तंत्र-मंत्र के चक्कर में न पड़ें।
आजमगढ़ में जांच कराकर करें पुष्टि
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल वेक्टर बार्न डॉ. आरवी सिंह ने बताया कि बरसात के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम सक्रिय है। इसके द्वारा निरोधात्मक कार्यवाही के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजों के रक्त नमूनों की जाँच, क्लोरिन की गोली का वितरण, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वीसाइडल छिड़काव किया जा रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि आज़मगढ़ के सदर अस्पताल एसएसएल लैब में जांच निःशुल्क है। जिसने भी डेंगू की कार्ड द्वारा जाँच कराया है और कार्ड से जांच में धनात्मक पाया गया है तो वह आजमगढ़ जिला अस्पताल में जाकर निःशुल्क एलाइजा जाँच करा कर डेंगू की पुष्टि कर सकता है।