अब्बास अंसारी ने किया मऊ में सरेंडर 

21 Oct 2022

-सुप्रीम कोर्ट से राहत के तीसरे दिन पहुंचे मऊ, मिली जमानत
-55 दिन से सुभासपा विधायक को तलाश रही थी यूपी पुलिस
-बोले अब्बास, रोज रची जा रही साजिश, अदालत पर भरोसा

बुलंद आवाज ब्यूरो
-----------------
मऊ :
बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के जिस विधायक बेटे को 55 दिन से यूपी की पुलिस तलाश रही थी, वह सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिलने के दो दिन बाद मऊ पहुंचे। आदर्श चुनाव आचार संहिता के दो मामलों में एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में भाई व एक अन्य आरोपी समेत शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे सरेंडर कर दिया। जज ने न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया। 20-20 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो-दो जमानतदार देने पर तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। तीन घंटे बाद करीब तीन बजे अदालत से बाहर आए अब्बास ने मीडिया से बातचीत करते हुए योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि वह यहां से सीधे सदर विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच जा रहे हैं। उनके व उनके परिवार के खिलाफ सरकार द्वारा रोज साजिशें रची जा रही हैं। संदेह व्यक्त किया कि हो सकता है कोई और साजिश रच दी जाए। अदालत पर भरोसा जताते हुए कहा कि वहां अभी न्याय जिंदा है। लाख साजिशें रचे जाने के बाद भी वहां से उन्हें न्याय मिल जा रहा है। 
आर्म्स एक्ट में गिरफ्तारी पर है रोक 
बता दें कि भगोड़ा घोषित किये जा चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदर विधायक अब्बास अंसारी को बुधवार को लखनऊ के आर्म्स एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट से चार सप्ताह की अंतरिम राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में अब्बास की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी ने अपने भाई उमर अंसारी व एक अन्य के साथ जुमे की दोपहर करीब 12 बजे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में एमपी/एमएलए कोर्ट में समर्पण कर दिया। तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। कुछ देर बाद तीनों की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली गई। पहले मामले में एसआई आदर्श श्रीवास्तव ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें विधायक अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी के अलावा मंसूर अंसारी सहित पांच नामजद व अज्ञात को आरोपी बनाया गया। 
जारी था गैर जमानती वारंट 
एसआई आदर्श श्रीवास्वत ने दर्ज मुकदमे में कहा है कि 10 मार्च 2022 को सदर विधानसभा क्षेत्र के विजयी प्रत्याशी अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट मंसूर अंसारी ने समर्थकों के साथ विजय जुलूस निकाला। इससे जाम लगा और आम जनमानस प्रभावित हुआ। यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आया। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। कोर्ट से अब्बास समेत तीनों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। 
बिना अनुमति रोड शो का है मुकदमा  
दूसरा मामला शहर कोतवाली में उपनिरीक्षक राजेश कुमार वर्मा ने दर्ज कराया। इसमें आरोप है लगा कि 27 फरवरी 2022 को सुभासपा उम्मीदवार अब्बास अंसारी ने बिना अनुमति के राजाराम कापूरा से भरहू का पूरा की ओर समर्थकों संग रोड शो किया। पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। इसमें कोर्ट से विधायक अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया गया था। 
अधिवक्ता दारोगा सिंह के साथ पहुंचे अदालत 
उक्त दोनों मामलों में शुक्रवार को विधायक अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और मंसूर अंसारी ने विशेष न्यायाधीश एसीजेएम एमपी /एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी की अदालत में समर्पण कर दिया। तीनों की ओर से अधिवक्ता दारोगा सिंह ने जमानत के लिए अर्जी दी। तर्कों को सुनने के बाद एसीजेएम ने जमानत अर्जी स्वीकार कर ली। बीस-बीस हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र और दो-दो जमानतदार देने पर इनको रिहा कर दिया गया। 
मुस्कुराते हुए निकले बाहर 
तीन बजे अदालत से अब्बास मुस्कुराते हुए बाहर निकले। सदर विधायक और उनके भाई के आत्मसमर्पण की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। कचहरी के मुख्य द्वार व आसपास सुरक्षा की व्यवस्था कर दी गई। इस दौरान शहर कोतवाल संजय त्रिपाठी फोर्स के साथ कचहरी के मुख्य द्वार तथा परिसर में भ्रमण करते रहे। कचहरी परिसर में भी गहमागमही रही। 
 



अन्य समाचार