मऊ में चंद्रदेव को मुलायम सिंह ने सौंपी थी पोटली
11 Oct 2022
-----स्मृति शेष-----
-2004 में की घोसी लोकसभा के प्रत्याशी की आर्थिक मदद
-आखिरी बार 2009 में जिला मुख्यालय पर आए थे नेताजी
-छात्र नेता रामसिंह राणा के घर तिलक में हुए थे शामिल
-2005 दंगे में अफसरों की रिपोर्ट पर नहीं किया विश्वास
बृजेश यादव
-----------
मऊ : नेताजी मुलायम सिंह यादव 10 अक्टूबर की सुबह सवा आठ बजे चिर निद्रा में सो गये। 11 अक्टूबर को उनकी जन्मस्थली सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा था, इधर जिले में उनके कार्यशैली की चर्चा की जा रही थी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव जिले में आखिरी बार अखिलेश के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके साथ जिला मुख्यालय पर 2015 में झारखंडे राय व जयबहादुर सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में आए थे। यह कार्यक्रम भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अतुल कुमार सिंह अनजान के अनुरोध पर लगा था। जिले में सर्वाधिक चर्चा लोगों की जुबां पर यह रही कि पूर्व सांसद चंद्रदेव राजभर के चुनाव में वर्ष 2004 में कोपागंज के बापू इंटर कालेज में जनसभा करने आए नेताजी ने भरी सभा में आर्थिक मदद के लिये अपने प्रत्याशी को पोटली सौंप दी थी। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले व आर्थिक रुप से बहुत मजबूत प्रत्याशी न होने का हवाला देकर उन्होंने चुनाव जिताने की अपील की थी। उस अपील का असर यह रहा कि घोसी सीट से चंद्रदेव राजभर को जनता ने जीता दिया। चंद्रदेव को ही यहां के सपा के पहले व अब तक के आखिरी सांसद होने का श्रेय हासिल है।
2009 में अरशद जमाल के पक्ष में की सभा
मुलायम सिंह यादव 2015 से पहले जिले में 2009 के लोकसभा चुनाव में आए थे। अवसर था सपा के लोकसभा प्रत्याशी पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल की चुनावी जनसभा का। उस सभा में अभिनेता संजय दत्त व अभिनेत्री जया बच्चन भी शामिल हुई थीं। नेताजी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह जिस कार्यकर्ता को मान देते थे, उसके अनुरोध को ठुकराते नहीं थे। इसका प्रमाण देखने को मिला वर्ष 2008 में। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ महामंत्री रहे रामसिंह राणा के यहां तिलकोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने वह आमंत्रण पर उनके घर इंदारा में आए थे।
बुनकरों को पासबुक, बेटियों को धन
सूबे के तीन बार मुख्यमंत्री रहे नेताजी वर्ष 2007 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जिले में आये थे। यहां उन्होंने बेटियों को कन्या विद्या धन व बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली का पासबुक वितरित किया था। इसी कार्यक्रम के दौरान कृषि मंडी का उद्घाटन किया था। इसके अलावा ढेकुलिया घाट पुल, नगरपालिका कम्युनिटी हाल व सौ बेड के जिला महिला चिकित्सालय का शिलान्यास किया था।
तालिमुद्दीन कालेज को दिलाया 25 लाख
नेताजी वर्ष 1997 में भारत सरकार में रक्षामंत्री थे। उस समय मऊ के लोगों के अनुरोध पर उन्होंने तालीमुद्दीन गर्ल्स डिग्री कालेज को भारत सरकार से 25 लाख रुपये दिलाया था। उन्होंने अरशद जमाल के घर के समीप सहन में कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था। इसके पहले 1996 में वह महज टेलीफोन पर किये गये अनुरोध पर पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल को बाग-ए-मशरिक अखबार के विमोचन का कार्यक्रम दिया और नियत समय पर हिस्सा लिया।
दंगे में हुए नुकसान की भरपाई
वर्ष 2005 में नेताजी के मुख्यमंत्रित्व काल में मऊ में सांप्रदायिक दंगा हो गया था। शुरु के तीन दिनों में जिला प्रशासन यहां शांति होने की रिपोर्ट सरकार को कर रहा था। जबकि सच्चाई यह थी कि शहर अशांत था। तीसरे दिन शहर में गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे आहत व्यापारी नेता उमाशंकर ओमर ने नेताजी को फोन किया। नेताजी ने ओमर से कहा कि अफसरों की रिपोर्ट तो बवाल शांत होने की आई है। इस पर ओमर ने टेलीफोन पर घर के बगल में उन्मादियों द्वारा लगाये जा रहे नारे को सुनवाकर तीसरे दिन भी गोली से एक की मौत की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने डीजीपी व मुख्य सचिव को प्लेन से यहां भेजा। उन्होंने अशांति की रिपोर्ट दी तो नेताजी ने तत्काल डीएम हीरामणि यादव व एसपी अखिलेश्वर राम मिश्रा को सस्पेंड करते हुए अगले ही दिन डीएम के रुप में मुकेश मेश्राम व एसपी सुजीत पांडेय को प्लेन से भेजा। उन अफसरों के आते ही माहौल शांत हो गया तो उन्होंने उमाशंकर ओमर को फोन कर तब की स्थिति के बारे में पूछा। ओमर ने माहौल शांत होने की जानकारी दी तब उन्होंने संतोष व्यक्त किया। ओमर के व्यापारियों व बुनकरों का आगजनी में बहुत नुकसान होने की बात बताने पर नेताजी ने कहा कि वह नुकसान की भरपाई करेंगे। इसके बाद व्यापारियों ने नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय में दिया। नेताजी व्यापारियों व बुनकरों के नुकसान का सरकार की ओर से मुआवजा देकर वादे पर खरे उतरे।