डॉ. मुश्ताक अहमद बने जिलाध्यक्ष
29 Aug 2022
-बज्म-ए-अंदाज-ए-बयाँ की आजमगढ़ इकाई गठित
बुलंद आवाज ब्यूरो
------------------
आजमगढ़ : बज्म-ए-अंदाज-ए-बयाँ (अखिल भारतीय साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था) की बैठक एवं काव्य संध्या का आयोजन रविवार को आफिसर्स कालोनी रैदोपुर में हुआ।हास्य कवि शैलेन्द्र मोहन राय अटपट के आवास पर आयोजित कार्यक्रम वरिष्ठ कवि बालेदीन बेसहारा की अध्यक्षता तथा विजयेन्द्र श्रीवास्तव के संचालन में संपन्न हुआ।
जगाया देशभक्ति का जज्बा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गीतकार अश्क चिरैयाकोटी ने संस्था के उद्देश्यों एवं कार्यों पर प्रकाश डाला। संस्था की आजमगढ़ इकाई का गठन करते हुए सर्वसम्मति से डा. मुश्ताक अहमद को जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया। तत्पश्चात काव्य संध्या में सर्वप्रथम रोहित बारी ने - आज जश्न-ए-आजादी मनायेंगे हम, गीत खुशियों का मिलकर के गायेंगे हम सुनाकर देशभक्ति का जज्बा जगाया।
सराही गयी नूर की रचना
उसके बाद अभिराज बेदर्दी ने - एक दिन आयेगा न थाली में निवाले होंगे, बोलना चाहेंगे पर जुबाँ पर ताले होंगे सुनाकर लोगों को सोचने को विवश कर दिया। वहीं जितेन्द्र कुमार नूर की पंक्तियां - जब अपरिमित व्यग्रता का सामना करने लगा,तब हृदय तुझसे प्रणय की याचना करने लगा खूब सराही गईं। उसके बाद शैलेन्द्र मोहन राय अटपट ने - छोट हाइट ह टाइट भौकाल बा,अटपट कमाल बा ना सुनाकर लोगों को खूब हँसाया।
समरसता को किया रेखांकित
वहीं डॉ० मुश्ताक अहमद ने - वो सरे-बाजार जब अपने को सस्ता कर लिया, मैंने खुद को ताश के पत्तों में इक्का कर लिया सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। मुख्य अतिथि अश्क चिरैयाकोटी ने सामाजिक समरसता को रेखांकित करते हुए सुनाया कि- खत्म करिए विचारों में संकीर्णता,हो न ऐसा कहीं, हाथ मलते रहें।। तत्पश्चात संचालन कर रहे विजयेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने गीत - ऐ राही तुमको आगे-आगे बढ़ते जाना है, तुम्हें सफलता के पर्वत पर चढ़ते जाना है से कवि गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान किया। अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष बालेदीन बेसहारा ने - जिस दिल में लहू दौड़ता था उसके प्यार का, मुट्ठी में भींच-भींच कर कर निचोड़ दिया है सुनाकर भाव विभोर कर दिया।