सामने आया अंजलि की सफलता का राज 

18 Jun 2022

-घर से स्कूल तक मिला बेहतर शिक्षा हासिल करने का माहौल, की सेल्फ स्टडी
-जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक पिता बिटिया की सफलता से हैं गदगद
-10वीं में सूबे में आठवां स्थान हासिल करने वाली बेटी का डाक्टर बनना है लक्ष्य 

बृजेश यादव 
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निधियांव (मऊ) :
दिन : शनिवार। समय : शाम लगभग चार बजे। स्थान : मधुबन तहसील क्षेत्र का निधियांव गांव। गांव के हर घरों में खुशी का माहौल। वजह यह कि गांव की बिटिया अंजलि चौहान ने निधियांव का नाम उत्तर प्रदेश के फलक पर अंकित कर दिया। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में सूबे में आठवां स्थान हासिल करने वाली अंजलि की प्रतिभा के चहुंओर चर्चे हो रहे हैं। बच्चे, बूढ़ों से लगायत महिलाओं तक के हर जुबान पर बिटिया की सफलता बोल रही है। संजीवन चौहान मास्टर साहब के घर उत्साह का माहौल। बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बुलंद आवाज ने गांव का जायजा लिया तो हर ओर जीत का जश्न मनाने जैसा माहौल दिखा। अंजलि की सफलता का राज जानने की कोशिश की गई तो सबसे बड़ी बात उसे घर से लेकर कालेज तक मिले शैक्षणिक माहौल की सामने आई। 
छोटी बेटी पर पिता व परिवार को नाज 
अंजलि चौहान निधियांव गांव निवासी संजीवन चौहान व अनिला चौहान की पुत्री है। वह तीन बहनों व एक भाई में सबसे छोटी है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। उससे बड़े भाई प्रयागराज में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। पिता संजीवन चौहान पड़ोसी जनपद बलिया के सीयर ब्लाक क्षेत्र के पुरापतोय जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक हैं। पिता अपनी बिटिया की सफलता से बेहद गदगद हैं। उन्होंने अपनी संतानों को शिक्षा दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बेटी की सफलता पर उन्हें नाज है। 
पढ़ाई के लिये मिला पूरा समय 
अंजलि की सफलता का राज यह है कि उसे पढ़ाई करने के लिये पूरा समय मिला। घर से कालेज तक कोई रोक-टोक नहीं रही। खुद के साथ जिस स्कूल दुलारी देवी विद्यावती इंटर कालेज बस्ती बर्सी निधियांव बेलौली का नाम उसने रोशन किया, उसमें पांच साल पहले उसने कक्षा छह में दाखिला लिया। वह पूरी तन्मयता से पढ़ाई करती रही। सबसे बड़ी बात यह रही कि अंजलि ने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। वह जब कक्षा नौ में गई तो कालेज पर सुबह-शाम एक्सट्रा क्लास में हिस्सा जरुर लेती थी। इसके बाद घर पर सेल्फ स्टडी करती थी। 
हर विषय को लिया गंभीरता से 
अंजलि के कालेज के प्रबंधक लक्ष्मण मौर्या ने बुलंद आवाज को बताया कि उनकी मेधावी छात्रा ने हर विषय को गंभीरता से लेकर तैयारी की। गणित, विज्ञान व अंग्रेजी का ज्ञान अर्जित करने को उसने काफी समय दिया, लेकिन हिन्दी, सामाजिक विज्ञान व संस्कृत की भी बराबर तैयारी जारी रखी। उसकी इस मेहनत व लगन का परिणाम सबसे सामने है। अंजलि ने 10वीं की परीक्षा में छह सौ में 578 अंक (96.33 प्रतिशत) हासिल कर सूबे में आठवीं रैंक हासिल की है। 
चिकित्सक बन करना चाहती है सेवा  
अंजलि चौहान का लक्ष्य चिकित्सक बनकर समाज व देश की सेवा करने का है। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को देते हुए उसने बताया कि सभी ने उन्हें सदैव तन-मन व लगन से पढ़ने को प्रेरित किया। उसने कक्षा छह में ही पढ़ते समय डाक्टर बनने का लक्ष्य बना लिया। घर-परिवार की तरफ से मिलने वाले फूल सपोर्ट से उसे उम्मीद है कि वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चित तौर पर सफल होगी। उसकी सफलता के बाद कालेज प्रबंधन ने उसे मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया और नाम रोशन करने की बधाई दी। 
 



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