बनारस ब्लास्ट में आतंकी वलीउल्लाह को सजा-ए-मौत

06 Jun 2022

-गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने सुनाई फांसी की सजा
-सात मार्च 2006 को सिलसिलेवार ब्लास्ट में 16 की हुई थी मौत, 76 हुए घायल  

बुलंद आवाज ब्यूरो
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नई दिल्ली :
बनारस में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी आतंकी को सोमवार को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई। गाजियाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। वलीउल्लाह को सजा सुनाए जाने के बाद उस सिलसिलेवार ब्लास्ट में जान गंवाने वाले 16 लोगों के परिजनों ने सजा को उचित करार दिया। साथ ही घटना में घायल 76 लोगों ने भी अदालत के फैसले को सही ठहराया। बता दें कि शनिवार को कोर्ट ने वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था। 
संकटमोचन मंदिर में सबसे पहले ब्लास्ट 
वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाकों की घटना सात मार्च 2006 की है। शाम 6.15 बजे लंका थाना क्षेत्र के संकटमोचन मंदिर में सबसे पहले ब्लास्ट हुआ था। इसमें सात लोग मारे गए थे, जबकि 26 घायल हुए थे। 15 मिनट के अंतराल पर शाम 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र के जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में अदालत आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दे चुकी है। 
हाईकोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद में सुनवाई 
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए धमाके, जिसमें नौ लोग मारे गए थे और 50 लोग घायल हुए थे। इसमें साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने उसे बरी कर दिया। घटना के बाद वाराणसी के अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित हुआ था। 
इलाहाबाद के फूलपुर नलकूप कालोनी का निवासी 
आतंकी वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का निवासी है। सुनवाई से पहले कचहरी में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था। कचहरी में तीन रास्तों से आवागमन बंद कर दिया गया है। सिर्फ एक रास्ते से चेकिंग के बाद ही कचहरी में प्रवेश करने दिया गया। सुरक्षा के लिहाज से जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत की तरफ जाने वाली गैलरी पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर आवागमन बंद कर दिया गया था। इस प्रकरण से जुड़े अधिवक्ताओं के अलावा अन्य किसी अधिवक्ता को भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत की तरफ जाने नहीं दिया गया। बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वॉड भी मौके पर मौजूद रहा। 
 



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