भारत का झंडा बुलंद कर गोल्ड मेडल लेकर लौटा मऊ का लाल
31 May 2022
-नेपाल में एमटी एवरेस्ट इंटरनेशनल कराटे एंड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप का हीरो बना अभिषेक
-85 से 89 किलोग्राम जूनियर वेट कैटेगरी में श्रीलंका के खिलाड़ी को महज 30 सेकेंड में दे दी मात
-कराटे में भी स्टेट लेबल पर हासिल कर चुका है गोल्ड मेडल, पेनचक सिलाट में खेल चुका है नेशनल
-16 साल पांच माह 12 दिन की उम्र में बेटे के देश का नाम रोशन करने पर गांव, जिला-जवार को फक्र
बृजेश यादव
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मऊ : उम्र महज 16 साल पांच माह 12 दिन। वजन 85 से 89 किलोग्राम के बीच। किशोरावस्था में ही अंतराष्ट्रीय फलक पर हिन्दुस्तान का नाम रोशन कर गोल्ड मेडल हासिल कर मंगलवार को घर लौटा मऊ का लाल। हम बात कर रहे हैं जिले के मुहम्मदाबाद गोहना तहसील क्षेत्र के नगरीपार ग्राम पंचायत के नूरपुर मौजा निवासी किक बॉक्सर अभिषेक यादव की। अभिषेक ने 28 से 30 मई 2022 को नेपाल में हुई एमटी एवरेस्ट इंटरनेशनल कराटे एंड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत का झंडा बुलंद कर दिया। 85 से 89 किलोग्राम वजन की जूनियर कैटेगरी में उसने श्रीलंका के किक बाक्सर को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। सबसे बड़ी बात यह रही कि डेढ़ मिनट का अल्प समय मिलने के बावजूद उसने महज 30 सेकेंड में श्रीलंका के खिलाड़ी को धूल चटाते हुए नाकआउट कर दिया। कराटे में भी स्टेट लेबल पर गोल्ड मेडलिस्ट रह चुका अभिषेक पेनचक सिलाट गेम में राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप खेलकर सिल्वर मेडल हासिल कर चुका है। नेपाल से देश का सिरमौर बनकर वापस लौटे अभिषेक को जितनी खुशी है, उससे चौगुनी खुशी उसके मां-बाप, गांव, जिला-जवार के लोगों को है।
छत्तीसगढ़ में हुई प्रारंभिक शिक्षा
अभिषेक यादव नूरपुर निवासी वीरेंद्र यादव का पुत्र है। वह वीरेंद्र का इकलौता पुत्र है। उसके अलावा उसकी एक छोटी बहन है। वीरेंद्र यादव छत्तीसगढ़ की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। 19 फरवरी 2005 को जन्मे अभिषेक की कक्षा एक से तीन तक की शिक्षा पिता के कार्यस्थल छत्तीसगढ़ में हुई। उसके बाद वह गांव चला आया। यहां कक्षा चार व पांच की पढ़ाई उसने सेक्रेट हर्ट स्कूल मुहम्मदाबाद में की। कक्षा छह से 10वीं तक की शिक्षा किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल गालिबपुर में हुई।
बचपन से ही बॉक्सिंग का शौक
इसके बाद इंटरमीडिएट में उसने सीपी इंटर कालेज नेवादा, करहां में दाखिला लिया। उसी कालेज में वह 12वीं का छात्र है। बुलंद आवाज से बातचीत में अभिषेक ने बताया कि बचपन से ही उसे बाक्सिंग का शौक था। कक्षा सात में वह किंग्स इडेन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ रहा था, उसी दौरान स्पोर्ट्स टीचर दिनेश चौहान के संपर्क में आया। दिनेश चौहान से वह कराटे का गुर सीखने लगा। कोच ने उसकी प्रतिभा को पहचान लिया। इसके बाद उसे वह डीवीएस मार्शल आर्ट एकेडमी में ले गये। वह कराटे में स्टेट लेबल पर गोल्ड मेडल हासिल किया। कराटे से ही रिलेटेड पेनचक सिलाट गेम में अभिषेक ने गोल्ड मेडल हासिल किया। स्टेट व नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्रापत किया। इसके बाद दिनेश चौहान ने उसे किक बॉक्सिंग में भाग्य आजमाने को कहा। उसे प्रैक्टिस कराने लगे।
नार्मल बाक्सिंग में गोल्ड मेडल हासिल करने की इच्छा
किक बाक्सिंग में साउथ एशियन फेडरेशन के सचिव ने उसका चयन किक बाक्सिंग में नेशनल स्तर के खिलाड़ी के रुप में किया। कुछ समय पहले नेपाल में साउथ एशियन फेडरेशन की तरफ से नेपाल में एमटी एवरेस्ट इंटरनेशनल कराटे एंड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 के आयोजन की जानकारी हुई। इसमें हिस्सा लेने के लिये अभिषेक यादव ने आनलाइन आवेदन किया। वहां श्रीलंका के खिलाड़ी को मात देकर देश का नाम रोशन किया। एक सवाल के जवाब में अभिषेक ने कहा कि भविष्य की उसकी योजना भारत सरकार स्तर पर होने वाली नार्मल बाक्सिंग में सलेक्शन के लिये कड़ा अभ्यास करने की है। उसकी दिली इच्छा है कि वह देश की तरफ से अंतर्राष्ट्रीय बाक्सिंग प्रतियोगिता का हिस्सा बने और गोल्ड मेडल ले आए।