लू से सावधान, बचाव को करें यह उपाय
16 May 2022
-गर्मी में लू लगने से भी होता है बुखार, ठंडी तासीर वाले पदार्थों का करें सेवन
बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : गर्मी में लू के प्रकोप से बचाव के लिये विशेष सतर्कता जरूरी है। गर्मी के मौसम में अधिक संख्या में लोग बीमार पड़ते हैं। गर्मी में लू, हीट स्ट्रोक पानी की कमी या डिहाइड्रेशन, बुखार या पेट की बीमारी होने की अधिक संभावना रहती है। ऐसे मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्याम नरायन दुबे का।
तेज धूप भी खतरनाक
डॉ दुबे ने बताया कि इस तरह की समस्या तेज़ धूप की वजह से भी होती है। चक्कर आना, उल्टी आना, बुखार आदि हो सकता है। इससे बचने के लिए धूप में जितना हो सके कम जायें और अगर जाना पड़े तो सिर ढँककर ही बाहर निकलें। ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। तरल पदार्थ जैसे लस्सी, छाछ या आम के पन्ना का सेवन भी इस रोग से बचाने में कारगर है। अगर समय रहते इसका उपचार न किया जाये तो लू लगने के परिणाम नुकसानदेह हो सकते हैं।
प्याज, पुदीना, छाछ का करें उपयोग
राजकीय क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. जयराम यादव ने बताया कि आयुर्वेद ग्रीष्म ऋतु में ऐसे खाद्य पदार्थ सेवन करने की सलाह देता है, जिनकी तासीर ठंडी होती है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप गर्मियों में चलने वाली गर्म हवाओं से अपनी रक्षा कर सकते हैं। गर्मियों के मौसम में यदि आप ठंडी चीजों का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और तेज तापमान का प्रभाव आपके ऊपर कम होगा। अन्य लोगों से अपील करें कि गर्मी के मौसम में प्याज, पुदीना, मठ्ठा एवं हरी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करें। गर्मी के मौसम में अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। इसलिए खान-पान पर विशेष ध्यान देकर, समाज में सभी को स्वास्थ्य रखें।
टायफाइड बुखार का होता है प्रकोप
एसीएमओ डॉ बीके यादव ने बताया कि गर्मी के मौसम में टायफाइड का बुखार अधिक होता है। इसमें लगातार बुखार रहना, भूख कम लगना, उल्टी होना, रक्तचाप कम हो जाना और खांसी-जुकाम हो जाता है। इससे बचने के लिए गन्दा पानी व फास्ट फूड जैसी चीज़ों से दूर रहें। कुछ भी खाने पीने से पहले हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोएं। उन्होंने बताया कि तरल पदार्थो का सेवन ज्यादा मात्रा में करें और आसपास साफ-सफाई रखें। इस तरह की किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जनपद के जिला पुरुष और महिला अस्पताल के साथ सभी सीएचसी और पीएचसी केन्द्रों पर इसकी जाँच और चिकित्सा निःशुल्क उपलब्ध है।