दोहरीघाट में उठी मांग, परशुराम की जन्मस्थली का हो यह नाम
03 May 2022
-परशुराम के पिता के नाम पर ही था पहले जौनपुर का नाम : दीनानाथ दूबे
बुलंद आवाज रिपोर्टर
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दोहरीघाट (मऊ) : कस्बे के कोल्ड स्टोरेज में मंगलवार को परशुराम जयंती मनाई गई। महर्षि परशुराम के कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा कर उन्हें नमन किया गया। उनकी जन्मस्थली जौनपुर का नाम बदलकर जमदग्निपुरम करने की आवाज उठाई गई।
अत्याचार के खिलाफ उठाये शस्त्र
संघर्ष समिति घोसी के अध्यक्ष अरविंद पांडेय ने कहा कि भगवान परशुराम अन्याय व अत्याचार के विरूद्ध शस्त्र उठाए थे। गरीबों के उद्धार के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष किए। लोकतंत्ररक्षक सेनानी हरीशचंद्र पांडेय ने कहा कि पितृभक्ति का उदाहरण पेश करने वाले परशुराम ने पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त कराया। सभी किसान अक्षय तृतीया के दिन भूमि का पूजन करते हैं यह भगवान परशुराम की ही देन है।
विचार वाला बनने पर ही समाज का भला
अध्यक्षता कर रहे दीनानाथ दूबे ने कहा कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली जौनपुर का नाम बदलकर जमदग्निपुरम किया जाना चाहिए। पहले जौनपुर का नाम परशुराम जी के पिता के नाम पर था। ब्राह्मण समाज के प्रदेश सचिव जयप्रकाश तिवारी ने कहा ब्राह्मण जात नहीं, विचार है। विचार वाला बनने पर समाज का कल्याण होगा। भगवान परशुराम के बताए रास्ते पर चलने से पूरे समाज का भला होगा।
इन्होंने भी रखे विचार
कार्यक्रम को जनार्दन मिश्रा, रवि राय, पंकज त्रिपाठी, संतोष राय भाजपा जिला उपाध्यक्ष, रामधन पांडेय मंडल अध्यक्ष भाजपा, सतीश यादव नगर अध्यक्ष सपा, विनोद यादव व्यापार मंडल, प्रहलाद भारतीय, संजय मिश्रा परशुराम सेना के जिला अध्यक्ष, अतुल कुमार राय, ज्ञानी शुक्ला, चंदन उपाध्याय, विनोद राय प्रधान, प्रेमशंकर राय, जयप्रकाश राय पूर्व प्रधान, विनय तिवारी आदि ने संबोधित किया। संचालन अरुण कुमार पांडेय ने किया।