विकलांगो को पूर्णांग बनाने का कार्य सर्वोत्तम : डा० हरिहर कृपालु त्रिपाठी
25 Sep 2015
एक विकलांग के जीवन में सबसे बड़ी इच्छा होती है अपनी अपंगता दूर करना। जिसका हाथ नहीं है उसे हाथ देना, जिसका पैर नहीं है उसे पैर देना सर्वोत्तम कार्य है। उपरोक्त बातें आजमगढ़ में मारवाड़ी युवा मंच द्वारा आयोजित विकलांगो को निःशुल्क अंग वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के पूर्व अध्यक्ष आचार्य श्री डा० हरिहर कृपालु त्रिपाठी ने कही। समारोह में विशिष्ट अतिथि आजमगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा जायसवाल भी उपस्थित थी। आचार्य डा० हरिहर कृपालु त्रिपाठी ने इस पुनीत कार्य के लिए मारवाड़ी युवा मंच के सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों की सराहना करते हुए शुभाशीष दिया।
आजमगढ़ के मारवाड़ी युवा मंच द्वारा आयोजित तृतीय निःशुल्क कृत्रिम पैर प्रत्यारोपण शिविर में भारी संख्या में मरीजों ने निःशुल्क कृत्रिम पैर पाने के लिए पंजीयन करवाया। तीन दिवसीय शिविर (25 सितम्बर से 28 सितम्बर) के प्रथम दिन ही मात्र २ घंटे में 125 से ज्यादा विकलांग मरीजों का प्रत्यारोपण हेतु मेडिकल जांच तथा मेजरमेंट का कार्य किया जा चुका था। कृत्रिम पैर प्रत्यारोपण का खर्च लगभग 10 हजार प्रति अंग है लेकिन शिविर में मरीजों को निःशुल्क देखा तथा अंग वितरित किया जा रहा है। समारोह में प्रमुख रूप से बनवारी लाल जालन, प्रत्युष डालमिया, अविनाश जालन, विष्णु रुंगटा, नमन पोद्दार, गोपाल डालमिया, शम्भू जालान, सुनील अग्रवाल, आनन्द ओमर समेत भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया।