मऊ की अदालत से सीएम योगी को नोटिस, सुनवाई 26 अप्रैल को
23 Mar 2022
-राजस्थान के अलवर में बजरंगबली पर की गई टिप्पणी पर ऐतराज
बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : राजस्थान के अलवर की जनसभा में हिंदुओं की आस्था के प्रतीक बजरंगबली को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई टिप्पणी पर उन्हें नोटिस जारी की गई है। यह नोटिस जिला जज रामेश्वर ने जारी की है। उन्होंने 26 अप्रैल को सुनवाई के लिये अगली तारीख निर्धारित किया है। इसके पहले अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/एमपी-एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने इस परिवाद को खारिज कर दिया था। परिवादी द्वारा उस आदेश के खिलाफ दाखिल की गई निगरानी को जिला जज ने स्वीकार करते हुए सीएम को नोटिस जारी की।
बजरंगबली को दलित, वंचित बताने का मामला
प्रकरण वर्ष 2018 में 28 नवंबर का है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान के अलवर में जनसभा करने गये थे। सभा में उन्होंने कहा था कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। उनके इस भाषण से परिवादी की धार्मिक भावनाओं को ठेस लगी है। इस वक्तव्य पर आपत्ति जताते हुए जिले के दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा ने परिवाद दाखिल किया है।
सीएम को तलब करने का अनुरोध
नवल किशोर शर्मा ने दाखिल परिवाद में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं गोरक्षपीठ के महंत हैं। उनका वक्तव्य देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय के लिए महत्व रखता है। बजरंगबली में आस्था रखने वाले समुदायों की भावना भी आहत हुई है। नवल किशोर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाते हुए विचारण के लिए तलब करने का अनुरोध किया था।
एमपी-एमएलए कोर्ट से हो चुका है खारिज
नवल किशोर के दाखिल परिवाद को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी-एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने सुनवाई के बाद 11 मार्च को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि घटनास्थल राजस्थान में है। जनपद मऊ में इस न्यायालय को यह परिवाद सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस आदेश के विरुद्ध नवलकिशोर शर्मा ने मंगलवार को जिला जज की कोर्ट में निगरानी दाखिल किया। जिला जज ने निगरानी को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिये 26 अप्रैल की तिथि मुकर्रर की।