मऊ जेल के बाथरुम में फंदे पर लटकी महिला बंदी, मौत
24 Dec 2021
-टोटी को पानी की आपूर्ति देने वाले पाइप में साड़ी का बना था फंदा
-दहेज के लिये बहू की हत्या के आरोप में पति व दो बेटों संग थी बंद
-जेल प्रशासन, एसडीएम व पुलिस का मानना, मीरा ने की खुदकुशी
बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : जिला कारागार के बाथरुम में शुक्रवार की दोपहर महिला बंदी की फंदे पर लटकती लाश मिलने से हड़कंप मच गया। जिस फंदे पर वह झूलती मिली वह टोटी को पानी की आपूर्ति देने वाले पाइप में साड़ी के पल्लू से बंधा था। खबर मिलते ही जेल में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया। उक्त महिला बंदी छह माह से बहू की दहेज हत्या के आरोप में पति व दो बेटों संग जेल में बंद थी। जिला कारागार प्रशासन, एसडीएम सदर व मौके पर पहुंची महिला पुलिस ने इसे खुदकुशी की घटना माना।
मीरा की झूलती लाश देख दूसरी बंदी हुई बदहवाश
जेल के बाथरुम में फंदे पर झूलती मिली महिला मीरा देवी (45) शहर कोतवाली क्षेत्र के मठिया टोला निवासी जितेंद्र बांसफोर की पत्नी थी। वह विगत छह जून 2021 से जिला जेल में बंद थी। उस पर दहेज के लिये बहू की हत्या करने का आरोप था। इसी आरोप में उसके पति जितेंद्र, दो बेटे आकाश व सन्नी भी जेल में हैं। दोपहर करीब पौने 12 बजे वह बाथरुम में गई। उसके कुछ समय बाद दूसरी महिला बंदी बाथरुम गई तो मीरा की फंदे पर लटकती लाश देख बदहवाश हो गई।
जिला पुलिस को जेलर ने दी सूचना
बदहवाशी में वह बंदी शोर मचाने लगी तो महिला बंदीरक्षक मौके पर पहुंची। उनकी सूचना पर जेलर, डिप्टी जेलर सहित कई बंदीरक्षक वहां पहुंचे। जेलर नागेश सिंह ने इसकी सूचना जिला पुलिस को दी तो महिला थानाध्यक्ष भी वहां पहुंची। फंदे से मीरा की बाडी उतारकर जेल के अस्पताल में ले जाई गई। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही एसडीएम सदर हेमंत चौधरी भी जेल पहुंचे। उन्होंने बताया कि महिला ने साड़ी के पल्लू से फंदा बनाकर खुदकुशी की है। उसका शव पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। मौत की कोई और वजह होगी तो पीएम रिपोर्ट में सामने आ जाएगी।
जज व अफसरों को भी नहीं बताई थी दिक्कत
जिला जज रामेश्वर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फारुख ईनाम सिद्दिीकी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुंवर मित्रेश सिंह कुशवाहा, जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल और पुलिस अधीक्षक सुशील घुले चार दिन पहले 20 दिसंबर 2021 को जिला कारागार का निरीक्षण करने पहुंचे थे। न्यायाधीश व आला अफसर विशेष तौर से महिला बंदियों की समस्या सुनने व उसके निवारण के लिये ही गये थे। उस दौरान जेल में निरुद्ध 35 बंदियों में मीरा देवी भी शामिल थी। सभी बंदियों से मुकदमे की पैरवी समेत जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा भी गया। जेल प्रशासन को महिला बंदियों को दी जाने वाले सुविधाओं के संबंध में आवश्यक आदेश-निर्देश भी दिया गया। उस समय मीरा ने उनसे कोई समस्या या परेशानी नहीं बताई थी। उसकी मौत की खबर को जो भी सुना वह यह कहते नजर आया कि उसे कोई दिक्कत थी तो न्यायाधीश व डीएम-एसपी से बताना चाहिये था। वह लोग उचित निदान किये होते।