दोहरीघाट में विवाहिताओं ने फैलाया आंचल

19 Nov 2021

---कार्तिक पूर्णिमा----
-सरयू नदी में एक लाख से अधिक आस्थावानों ने लगाई डुबकी
-दाह संस्कार को आने वाले लोगों को पुलिस ने किया परेशान

बुलंद आवाज रिपोर्टर
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दोहरीघाट (मऊ) : उत्तरवाहिनी सरयू के पवित्र जल में कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। भोर से ही स्नान का शुरु हुआ क्रम दोपहर बाद तक चला। विवाहिताओं ने आंचल फैलाकर मां सरयू से आशीर्वाद मांगा। सरजू के जयकारों व हर हर महादेव के नारों से सरयू नदी का किनारा निरंतर गूंजता रहा। नदी में स्नान कर भक्तों ने आरती की। सरयू मां को कराही व सेहरा चढ़ाया। घी के दीपों से मां का आंचल जगमग होता।
नन्हे-मुन्नों का मुंडन कराने को लगी रही कतार
रामघाट मातेश्वरी घाट और गौरीशंकर घाट पर गोता लगाने के बाद भक्त सूर्य भगवान को अर्घ्य देते रहे। श्री सत्यनारायण स्वामी की व्रत कथा का श्रवण किया। नदी तट पर मुंडन संस्कार की लाइन लगी हुई थी। महिलाएं खुशी से नाच रही थीं। अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों का बाल उतरवाकर मां सरयू को अर्पण किया। नदी तट पर बैठे भिखारियों को अन्न दान किया। भारत माता मंदिर पर श्रद्धालुओं ने दीप जलाएं और मां को नमन किया। खाकी बाबा मंदिर में अखंड दीप का दर्शन किया। अखंड दीप के दर्शन से विभिन्न प्रकार के रोगों का नाश होता है ऐसी मान्यता है।
नाव पर तैना रहे पुलिस के जवान
नाव के ऊपर घाटों पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात रहे। उप जिलाधिकारी घोसी सुरेश कुमार, क्षेत्राधिकारी नरेश कुमार व्यवस्था पर नजर रखे रहे। थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मेला क्षेत्र में चक्रमण करते रहे। विभिन्न थानों की महिला पुलिस महिला घाटों पर तैनात रही। कस्बा इंचार्ज एसएसआई अजीत दुबे रामघाट की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस तथा पुलिस बल के साथ तैनात रहे।
गोताखोर भी रहे अलर्ट
नहान के समय गोताखोर नाव पर जगह-जगह अलर्ट रहे। मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश रुका हुआ था। पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर लगे हुए थे। महिलाएं देवी गीत गाते हुए कतारबद्ध होकर स्नात को जा रही थीं। कीर्तन मंडली घाटों पर भजन गा रही थी। अंतरराष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम और मुक्तिधाम पर्यटन केंद्र में काफी संख्या में दर्शक सेल्फी लेते रहे।
घर-गृहस्थी के खूब बिके सामान
मेले का आनंद लेते हुए महिलाएं काफी संख्या में घर गृहस्थी के सामान की खरीदारी कीं। सरयू तट पर वेद पाठी ब्राह्मण जगह जगह सत्यनारायण स्वामी की व्रत कथा सुना रहे थे। श्रद्धा के साथ लोग भगवान की भक्ति में लीन रहे। वेद पाठी ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर हवन आरती करते रहे। स्नान के बाद रामघाट स्थित हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, मातेश्वरी घाट स्थित आदिशक्ति जगदंबा मंदिर, जानकी घाट स्थित दुर्गा मंदिर, हनुमान मंदिर, श्री रामचंद्र मंदिर, गौरी शंकर घाट स्थित राम जानकी मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर, द्वादश ज्योतिर्लिंग महाकाल, भारत माता मंदिर, राम परशुराम मिलन स्थल पर श्रद्धालु मत्था टेकते रहे। श्रद्धा से मुक्तिधाम में दान देते रहे।
चिकित्सकों की फौज भी तैनात
मेला में स्वास्थ्य विभाग भी मुस्तैद था। चिकित्सकों की फौज शिविर लगा रखी थी। सैकड़ो श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच कर दवाएं दी गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. फैजान, डा. दिनेश यादव, डा. मनीष राय, विजय बहादुर राय, मोहम्मद सिराजुद्दीन, हरी कुमार, दुर्गेश मणि त्रिपाठी सहित स्वास्थ्य कर्मी मेला में आए हुए लोगों का उपचार करते रहे।
वाहन चालकों ने वसूला मनमाना किराया
कार्तिक पूर्णिमा पर किराये के वाहनों की चांदी रहीं। वाहन चालकों ने मनमाना किराया वसूला। अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने मेले की सुरक्षा का जायजा लिया। मातेश्वरी घाट से मुक्तिधाम घाट तक स्टीमर में सवार होकर सुरक्षा व्यवस्था का हाल जाना।
पूजा राय ने लगाया टी स्टाल
स्नान करने वाले लोगों को निःशुल्क चाय का वितरण समाजसेवी पूजा राय की तरफ से किया जा रहा था। दर्जनों लोग मेला में आए हुए श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे हुए थे। विद्यार्थी परिषद ने उज्जवल जायसवाल के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में घाटों पर मौजूद होकर स्नान करने वालों लोगों की मदद करते रहे। लोगों को कोरोना से बचाव के लिये काढ़ा पिलाते रहे।
दाह संस्कार में आने वालों ने झेली फजीहत
मेले के चलते यातायात का रुट डाइवर्जन होने के चलते मुक्तिधाम पर दाह संस्कार करने आने वाले लोगों को फजीहत झेलनी पड़ी। पुलिस के लोग उनको जगह-जगह रोकते रहे। मानवतावादी कुछ पुलिसकर्मी दाह संस्कार में जाने वाले लोगों को नहीं रोके, लेकिन बाहर से आए हुए पुलिसकर्मियों ने मानवीय परिचय नहीं दिया। वह लोगों को शवदाह स्थल पर जाने से रोकते रहे।



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