भूमि समझौते से बिछुड गया जोडा, पति आया भारत, पत्नी बांग्लादेश
01 Aug 2015
कूच बिहार। भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि समझौता के तहत भले ही 51,549 लोगों को अपने मुल्क की पहचान मिल गई, मगर इसके कारण एक दंपत्ति को अलग भी होना पडा। पति भारत में रहना चाहता था, जबकि पत्नी ने बांग्लादेश की नागरिकता लेने का फैसला लिया। इसके कारण डासिआरछारा के रहने वाले सरवर आलम और मरीना बेगम की चार साल पुरानी शादी टूट गई। डासिआरछारा बांग्लादेश में 51 भारतीय इनक्लेव में से एक है, जिसके लोगों ने 31 जुलाई की आधी रात को भारत-बांग्लादेश में से अपना देश चुना। डासिआरछारा अब बांग्लादेश में आ गया है। वहीं, 111 बांग्लादेशी इनक्लेव अब भारत का हिस्सा हैं और 16,000 बांग्लादेशी अब भारतीय बन गए हैं।
सरवर और मरीना दोनों की उम्र 20 साल है। सभी लोगों की तरह इन्हें भी इस बात की छूट थी कि वे भारत-बांग्लादेश में से किसी एक का चुनाव करें। यह प्रक्रिया 6 से 16 जुलाई के भीतर पूरी हुई। जानकारी के मुताबिक, दंपत्ति ने 9 जुलाई को भारत की नागरिकता अपनाने का फैसला लिया था, लेकिन अंतिम समय में सरवर की पत्नी मरीना ने अपना विचार बदल दिया। उसने अधिकारियों को बताया कि वह बांग्लादेश में ही रहना चाहती है। साउथ ब्लॉक के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि हमें यह बात 16 जुलाई के पहले बताई गई थी, इसलिए हमने इसे माना। इस दंपत्ति के दो बच्चे भी हैं। मरीना ने बांग्लादेश में ही रहने का फैसला लिया, जबकि आलम भारत में रहना चाहते हैं। डील पूरी हो जाने के बाद अब आलम को भारत आना होगा। साउथ ब्लॉक के अफसरों के सामने एक नहीं, ऎसे कई केस आए जहां किसी परिवार के कुछ सदस्य बांग्लादेश में ही रहना चाहते थे और कुछ भारत में।
सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश में भारत के इनक्लेव से 222 परिवारों के 979 लोग भारत में आ गए और उन्होंने यहां की नागरिकता ली है। 222 परिवारों में 146 हिंदू हैं जबकि 76 मुस्लिम। वहीं, भारत में बांग्लादेश के 111 इनक्लेव में कोई भी भारत से बांग्लादेश जाने को तैयार नहीं हुआ।