मऊ : बताया सांवा-कोदो का गुणकारी राज
28 Sep 2021
-सही पोषण में मोटे अनाजों और आयुष विधा का खास महत्व : डा. चौरसिया
बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : नगर पंचायत कुर्थीजाफरपुर अंतर्गत पारा गांव में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक व यूनानी अधिकारी डा. संतोष कुमार चौरसिया के निर्देशन में राजकीय यूनानी चिकित्सालय कासिमपुर व योग वेलनेस सेन्टर कासिमपुर के संयुक्त तत्वावधान में पोषण में योग व यूनानी विधा के महत्व पर गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें ग्रामीण परिवेश में स्वस्थ जीवन जीने के लिए यौगिक आहार-विहार, यम, नियम, दिनचर्या, रात्रिचर्या, ऋतुचर्या के साथ-साथ क्षेत्रीय रूप से बडी ही सुलभता से उपलब्ध मोटे अनाजों, वनस्पतियों, औषधियों व वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
डा. चौरसिया ने बताया कि ज्वार, बाजरा, मक्का, सांवा, कोदो, रागी, मंडुवा, अलसी के बीज, सहजन की फली, काला चना, गुड़, मूंग, मूंगफली, आंवला का फल, कदम्ब का फल, हरसिंगार, गिलोय, ऐलोवेरा, सप्तपर्णी, दूब, दूधी, भूमि आंवला, भृंगराज, शिरिष, सेमल, पलाश, सर्पगंधा आदि का नियमित अपने आहार व चिकित्सा में शामिल करना बहुत ही फायदेमंद है। इन फसलों व वनस्पतियों की खेती करने, संरक्षण व उद्योग लगाने के लिए भी प्रेरित किया।
डा. अभिलाषा सिंह ने बताया कि रक्त अल्पता, अशक्तता व कुपोषण न हो इसके लिए जरूरी है कि भोजन विटामिन, प्रोटीन, फैट, कार्बाेहाइड्रेट, मिनरल्स युक्त होना चाहिये। इसके साथ ही यह भी बताया कि कैसे मोटे अनाजों व आयुष विधा के प्रयोग से मातृ व शिशु मृत्यु-दर में कमी लायी जा सकती है।
गोष्ठी में चिकित्सा अधिकारी डा. मोहम्मद तारिक, योग प्रशिक्षक विश्वा गुप्ता, फार्मेसिस्ट फरीदुल हक व योग सहायक राजन विश्वकर्मा द्वारा अपने-अपने विषयों के बारे में जानकारी दी गयी। राजू विश्वकर्मा, सोनू पांडेय, रोशन विश्वकर्मा सहित दर्जनों महिलाएं उपस्थित रहीं।