मऊ के पीसीएस अफसर ने लिख दी ऐतिहासिक किताब

12 Sep 2021

---बुलंद आवाज विशेष---
-यूपी के सन्त साहित्य की खुशबू पहुंची बिहार, राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने किया विमोचन
-प्रशासनिक सेवा में रहकर दायित्वों का निर्वहन करते हुए पुस्तक लिखना बड़ी उपलब्धि : सुरेंद्र प्रताप

संतोष जायसवाल
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मऊ : घोसी के एसडीएम पीसीएस डा.सीएल सोनकर ने साहित्य जगत में ऐतिहासिक कार्य कर दिया। प्रशासनिक सेवा के दायित्वों का निर्वहन करते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश के लोकधर्मी कवि व समाज पुस्तक लिख डाली। हिन्दुस्तान अकादमी प्रयागराज द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के माध्यम से यूपी के सन्त साहित्य की खुशबू बिहार तक पहुंच गई। पटना राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने रविवार को कई विश्व विद्यालयों के कुलपति व प्रोफेसरों संग समारोहपूर्वक पुस्तक का विमोचन किया।
बिहार राज्यपाल ने दी कर्मठ अधिकारी की संज्ञा
राज्यपाल फागू चौहान ने डा. सोनकर को उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सिविल सेवा के कर्मठ अधिकारी की संज्ञा दी। कहा कि इन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं। यह प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आम जनता के दुख दर्द को महसूस कर उनके मामलों को कुशलतापूर्वक सुलह समझौता कराकर निपटाने का प्रयास करते हैं।
पीसीएस सोनकर ने किया अनुकरणीय कार्य
एलएन मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि डा. सीएल सोनकर ने इस कृति के माध्यम से उत्तर प्रदेश में जन्मे सन्तों एवं समाज सुधारकों द्वारा मानवता के प्रति किये गए कार्यों एवं दृष्टिकोण को जन-जन तक पहुंचाने का अनुकरणीय कार्य किया है। यदि शिक्षा जगत का कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करे तो कोई खास बात नहीं है, किन्तु यदि कोई जिम्मेदार प्रशासनिक पद पर रहते हुए हिन्दी में सन्दर्भ सहित लेखन कार्य करे तो यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
सामाजिक यथार्थ का आईना है साहित्य
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं समाज के उत्तरोत्तर विकास के लिए अत्यन्त मददगार होगी। अलीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अब्दुल मतीन ने इस बात का जिक्र किया कि साहित्य सिर्फ शब्द नहीं बल्कि सामाजिक यथार्थ का आईना होता है। डा. सोनकर की यह पुस्तक इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने सिविल सर्वेन्ट व लेखक डब्ल्यू डब्ल्यू हण्टर, जान बीम्स, फ्रांसिस बुकानन एवं कुमार सुरेश सिंह आदि श्रृंखला की अगली कड़ी में डा. सोनकर को जोड़ा। कहा कि सामाजिक एकता एवं समरसता के लिए यह शोधपरक कार्य हिन्दी जगत में मील का पत्थर साबित होगा।
ज्ञान से हो सकता है राष्ट्र का बेहतर उत्थान
डा. सीएल सोनकर ने सबका आभार प्रकट करते हुए कहा कि ज्ञान से राष्ट्र व समाज का बेहतर उत्थान हो सकता है। हम सबको मानसिक भेदभाव मिटाने की आवश्यकता है। सत्यमेव जयते का उद्देश्य श्रमेव जयते के बगैर पूरा नहीं हो सकता। संचालन कार्यकारी निदेशक फ्लेयर दिल्ली डा. अजय सिन्हा ने किया। राज्यपाल को डा. अभय, डा. रामविलास भारती, शिवचन्द, डा. नित्यानंद यादव व इंजीनियर सिद्धार्थ मित्र आदि ने बुके भेंट कर सम्मानित किया। राज्यपाल के सचिव आइएएस राबर्ट एल चांगथू, एडीसी आइपीएस विजय कुमार, सचिव विजय सिंह एवं चन्द्रवती सोनकर आदि उपस्थित रहे।



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