"बजरंगी भाईजान"यानी भरपूर इमोशन,मस्ती

22 Jul 2015

ईद पर बॉलीवुड के दबंग अभिनेता सलमान खान ने अपने फैन्स को ईदी के रूप में इस बार फिल्म "बजरंगी भाईजान" लेकर आए है। अक्सर लोग सलमान खान की फिल्मों में सलमान को देखने जाते हैं तो कुछ ऎसा मानते हैं कि सलमान सुपरहीरोनुमा किरदार में होंगे। सलमान खान का मतलब है कुछ ढिंचक गाने, जबरदस्त एक्शन और दमदार डायलॉग्स। यानी कुल मिलाकर फुल टू एंटरटेनमेंट और इन सब से बढकर सलमान खान खुद, जो अपने फैंस के लिए किसी भी कहानी और ब्लॉकबस्टर से ऊपर हैं। सलमान ख़ान के पिछले पांच साल के ब्लॉकबस्टर करियर की ये सबसे अलग और बेहतर फिल्म है।

कबीर खान ने बहुत चालाकी से सलमान की छवि का इस्तेमाल किया है और अपनी बात सरल तरीके से कह दी है। "बजरंगी भाईजान" ब़डे सहज तरीके से भारतीय और पाकिस्तानी समाज में सालों से जमी गलतफहमी की काई को खुरच देती है। पॉपुलर कल्चर में इससे अधिक की उम्मीद करना उचित नहीं है। सिनेमा समाज को प्रभावित जरूर करता है, लेकिन दुष्प्रभाव ही ज्यादा दिखते हैं। सद्प्रभाव होता है तो "बजरंगी भाईजान" का स्पष्ट संदेश है कि दोनों देशों की जनता नेकदिल और मानवीय हैं। कबीर ख़ान ने मेनस्ट्रीम सिनेमा के दायरे में रहकर एक साफ़ पारिवारिक फिल्म बनाई है और बिना उपदेश दिए एक पॉलिटिकल स्टेटमेंट भी दे गए हैं।

कहानी : फिल्म की कहानी एक छह साल की पाकिस्तानी बच्ची शाहिदा (हर्षाली मल्होत्रा) है जो बोल नहीं सकती और वह न लोगों को समझा पाती है। वो अपनी मां के साथ भारत आती है और कुरूक्षेत्र में हो रहे एक आयोजिन के दौरान किसी तरह वो यहीं छूट जाती है। उसकी मुलाक़ात चांदनी चौक में रहने वाले पवन कुमार चतुर्वेदी उर्फ बजरंगी (सलमान ख़ान) से होती है। पवन एक सीधा-सादा, सच्चा और दिल का नेक बंदा है। वो हनुमान-भक्त है जो कभी झूठ नहीं बोलता। वो ठान लेता है कि इस बच्ची को पाकिस्तान उसके घर तक पहुंचाकर ही दम लेगा। फिल्म में पवन की लव लाइफ भी है। रसिका (करीना कपूर खान) दिल्ली में टीचर है। "ऑपरेशन मुन्नी" में पाकिस्तानी पत्रकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी पवन के हमराही बनते हैं। परेशानी ये है कि ना उसके पास पासपोर्ट-वीजा है, ना ही बच्ची के पास। कैसे वो सरहद पार करता है, पाकिस्तान में क्या मुश्किलें आती है और क्या वो मुन्नी को उसके माता-पिता से मिलवा पाता है। इसलिए आपको सिनेमाघरों जाकर यह फिल्म देखनी होगी।

निर्देशन :कबीर खान ने डॉक्यूमेंट्री फिल्मों के बाद "काबुल एक्सप्रेस", "न्यूयॉर्क" और "एक था टाईगर" जैसी फिल्मों ने उन्हें और मजबूत बनाया है। "बजरंगी भाईजान" की स्क्रिप्ट और हर फ्रेम में उन्हें मजबूत पकड बनाई और फिल्म कहीं भी भटकती हुई नहीं जान पडती। कश्मीर जन्नत है और स्वर्ग की इस खूबसूरती को कबीर ने सपनों की तरह संजोया है। एक पल को वो आपको सचमुच का पाकिस्तान दिखा देते हैं तो अगले ही पल वादियों की खूबसूरती आपको कुछ और सोचने का मौका नहीं देती। स्क्रीनप्ले कमाल का है। लंबे अरसे बाद एक ऎसी फिल्म आई जो दमदार मनोरंजन और संवाद से ज्यादा जज्बातों से भरी हुई है।

एक्टिंग : हर्षाली मल्होरत्रा अपनी मासूमियत से सभी का दिल जीत लेती है। वह गूंगी है, लेकिन आंखें और चेहरे से प्रेम का इजहार करती है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी फिल्म को आगे बढाने के साथ रोचक भी बनाती है। वे दर्शकों को मोहते हें। उनके किरदार और अभिनय में सादगी है। सलमान खान का किरदार इतना सरल और प्रभावशाली है कि वह दर्शकों को अपने साथ लिए चलता है।

क्यों देखें : सलमान खान ने पिछले कुछ सालों में जो फिल्में दी है बजरंगी भाईजान उन सब से अलग है। फिल्म में सलमान का नया अवतार दिखने वाला है, सलमान के इस एक्पेरिमेंट के लिए जरूर देखें ये फिल्म सलमान को बच्चे रीयल लाइफ में बच्चे बेहद पसंद हैं और बच्चों के साथ उनकी केमेस्ट्री को अगर आप ऑन-स्क्रीन भी देखना चाहते हैं तो ये फिल्म आपको बेहतरीन लगेगी। फिल्म बजरंगी भाईजान प्यार, इंसानियत और भारत-पाक के बीच मानवता के रिश्ते को दिखाती है। इस रिश्ते का खूबसूरत एक्सिक्युशन देखने जाएं। फिल्म आपनी सादगी भरी कहानी के साथ आपको बांधे रखती है।



अन्य समाचार