कॉमेडी का फुल डोज "मिस टनकपुर हाजिर हो"
22 Jul 2015
नई दिल्ली। बॉलीवुड में इस शुक्रवार को पत्रकार से निर्देशक बने विनोद कापडी की फिल्म "मिस टनकपुर हाजिर हो" रिलीज हो गई। वैसे तो बॉलीवुड में घोडा, कुत्ता, कबूतर, बाज को लेकर बहुत पहले से फिल्में बनती रही हैं, लेकिन भैंस को लेकर बॉलीवुड में पहली बार फिल्म बनी है। विनोद कापडी पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय तक पत्रकार रहे है। निर्देशक बने विनोद कापडी ने राजस्थान की एक घटना को ध्यान में रखते हुए फिल्म "मिस टनकपुर हाजिर हो" बनाई है। कापडी की यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म में भैंस के किरदार को एक सामाजिक मुद्दे पर व्यंग्य के रूप में प्रयोग किया गया है। वैसे कापडी अब तक 100 से भी ज्यादा डॉक्युमेंट्री फिल्में बना चुकें हैं। इस फिल्म में आपकों छोटे कस्बों या गांव की जमीनी सच्चाई जानने को मिलेगी। आप जान कर हैरान हो जाएंगे की अपने देश में ऎसा भी होता है। फिल्म में राजनीतिक मुद्दों को व्यंगात्मक तरीके से दिखाया गया है।
कहानी... इस फिल्म की कहानी हरियाणा के एक गांव "टनकपुर" की है और इस गांव का प्रधान सुआलाल (अन्नू कपूर) है। "खाप" (पंचायत) से मिले अधिकारों के कारण सुआलाल का पूरे टनकपुर गांव में रोब चलता है। वहां की पुलिस और बाकी सारा प्रशासन भी सुआलाल के इशारो पर चलाता है। सुआलाल की पत्नी माया (ऋषिता भट्ट) उससे कम उम्र की, सीधी साधी और बडे सपने देखने वाली महिला है। माया को उसके हम उम्र अर्जुन (राहुल बग्गा) से प्यार हो जाता है। आलाल को जैसे ही ये बात पता चलती है वह अपने मित्रों के साथ अर्जुन को परेशान करना शुरू कर देता है और अर्जुन पर टनकपुर की सबसे अच्छी भैंस से रेप करने का भी इल्जाम लगा देता है। और फिर खाप पंचायत आगे क्या फैसला सुनाती है इसके लिए आपको फिल्म तो देखने ही पडेगी...!
अभिनय...फिल्म में सुआलाल का किरदार निभा रहे अन्नू कपूर ने बेहतरीन एक्टिंग की है और पंडित के रूप में संजय मिश्रा, रवि किशन (भीमा) और पुलिस वाले के रोल में ओम पुरी है। फिल्म के संवाद इतने अच्छे हैं कि आप हंसने पर मजबूर हो जाएंगे।