चिरैयाकोट में मारा गया रावण
17 Oct 2024
- लक्ष्मण हुए मूर्छित, मेघनाद का हुआ वध
चिरैैयाकोट (मऊ) : नगर की रामलीला मंचन में बुधवार को कलाकारों ने अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ वध, कुम्भकर्ण वध, सति सुलोचना, अहिरावण वध, रावण वध आदि लीलाओं को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया। जिसे देख कर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। दर्शकों ने जी भरकर लुत्फ उठाया।
लंका दहन के बाद हनुमानजी रामादल में पहुच कर सारी बताते हैं। इसके बाद भगवान श्रीराम रामसेतू बांध (पुल ) का निर्माण करवा कर लक्ष्मण और सुग्रीव व वानर सेना संग लंका पहुंचते हैं। अंगद को शांति का दूत बना कर रावण को समझाने हेतु भेजते है परन्तु रावण नहीं माना। तत्पश्चात राम और रावण की सेना युद्ध के लिए आमने-सामने आ जाती है। इस दौरान लक्ष्मण के साथ मेघनाथ का भीषण युद्ध होता है। जिसमे मेघनाथ शक्ति बाण का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। वैद्यराज सुषेण की सलाह पर हनुमानजी पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आते हैं। जिसके उपचार सेवन से लक्ष्मण स्वस्थ हो जाते हैं।
उसके बाद लक्ष्मण पुनः रणभूमि में जाते हैं। वहां युद्ध कर मेघनाथ का वध कर देते हैं। पति के मरने के शोक में सुलोचना भी पति के साथ ही सती हो जाती है। जिसे सुनकर रावण भयभीत हो जाता है। ऐसे में रावण पाताल पुरी नरेश अहिरावण को युद्ध के लिए भेजता है। अहिरावण मायावी रुप विभीषण का धारण कर रामादल से निद्रा अवस्था में राम लक्ष्मण का अपहरण कर लेता है। उसे कोई पहचान नहीं पाया। यह जानकारी होने पर हनुमान पाताल जाते हैं। वहां अहिरावण का वध करके राम-लक्ष्मण को वापस लाते हैं।
जब रावण के समूचे कुल का संहार हो जाता है तब स्वयं युद्ध के मैदान में राम और लक्ष्मण से लड़ने के लिए आ जाता है। तत्पश्चात राम और रावण का भीषण युद्ध होता है। जिसमे रावण मारा जाता है। रावण की मौत के बाद श्रीराम विभीषण को राजा बनाकर लंका का राजपाठ सौपते हैं। तत्पश्चात विभीषण सम्मान और श्रद्धा के साथ सीता मईया को राम के सुपुर्द करते हैं। राम-सीता के मिलन से रामादल में खुशी की लहर आ जाती है और जय श्रीराम के नारों से वातावरण गुंजयमान हो उठता है।