डा.संजय सिंह ने खांसी के प्रति किया आगाह 

12 Nov 2022

-हल्के में लेने पर बन सकती है निमोनिया की वजह
-विश्व निमोनिया दिवस पर हुआ जागरुकता कार्यक्रम 

बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ :
दुनिया में हर साल 12 नवंबर को वर्ल्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद आम लोगों के बीच निमोनिया की बीमारी के प्रति जागरुकता और गंभीरता पैदा करना है। इसी उपलक्ष्य में शनिवार को शारदा नारायण अस्पताल में जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अस्पताल चैयरमेन एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय सिंह ने कहा कि आमतौर पर छोटे बच्चों को निमोनिया जल्दी हो जाता है, हालांकि किसी भी उम्र में निमोनिया की बीमारी हो सकती है। 
 

संक्रमित हो जाते हैं फेफड़े  
उन्होंने कहा कि निमोनिया की बीमारी में फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। ऐसे में तरल पदार्थ या फिर मवाद भरने से कफ, बुखार, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी शुरू हो जाती है। वक्त पर अगर इसका इलाज मिल जाए तो मरीज ठीक हो जाता है, लेकिन थोड़ी भी लापरवाही होने की सूरत में मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। कई बार यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। 
 

सर्दी-जुकाम से शुरुआत  
डा.सिंह ने कहा कि निमोनिया होने की मुख्य वजह वायरस, बैक्टीरिया और कई तरह के अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं। लक्षण के बारे में बताया कि निमोनिया की शुरुआत आमतौर पर सर्दी, जुकाम से होती है। जब फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ने लगता है, तो तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बुखार नहीं आता लेकिन खांसी और सांस लेने में बहुत दिक्कत हो सकती है। 
 

हरी सब्जियों का करें सेवन 
उन्होंने कहा कि निमोनिया से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार और हेल्दी डाइट का पालन कर सकते हैं। हेल्दी डाइट न सिर्फ आपको हेल्दी रखने बल्कि निमोनिया से भी बचाने में मदद कर सकती है। हेल्दी डाइट में हरी सब्जियां, फलों का जूस, अंडा, लहसुन, हल्दी आदि को शामिल कर सकते है। ज्यादा परेशानी होने पर अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
 



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