डा.नम्रता श्रीवास्तव ने बढ़ाया मऊ का गौरव, मिला समाज भूषण सम्मान 

28 Mar 2022

-नयी सदी के स्वर काव्य संग्रह के विमोचन पर काशी में समारोह, देश भर की 40 प्रतिभाएं सम्मानित
-विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी कवितांबरा व हिंदी तथा आधुनिक भाषा विभाग ने किया आयोजन 

बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ :
होम्योपैथी चिकित्सा के साथ समाजसेवा के विभिन्न कार्यक्रमों व साहित्यिक गतिविधियों में भागीदारी दर्ज कराने वाली डा.नम्रता श्रीवास्तव ने रविवार को मऊ का गौरव बढ़ाया। चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में समाज भूषण सम्मान से नवाजा गया। देश भर की 40 प्रतिभाओं को सम्मानित किये जाने में अपने जिले से डा.श्रीवास्तव रहीं। अवसर था नयी सदी के स्वर काव्य संग्रह के विमोचन का। काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र के सभागृह में कार्यक्रम का आयोजन विश्व हिंदी शोध संवर्धन अकादमी कवितांबरा व हिंदी तथा आधुनिक भाषा-विभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने संयुक्त रुप से किया। 
तीन पीढ़ियों की रचनाओं का संकलन 
नयी सदी के स्वर काव्य संग्रह 1220 पृष्ठों का है। इसमें समूचे देश से तीन पीढ़ियों के 157 कवियों की रचानाओं का संकलन है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु प्रोफेसर राजाराम शुक्ल ने कहा कि यह ग्रंथ अंतर्दीप जलाने का उपक्रम है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि इस गं्रथ को लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स के लिये भेजना उचित होगा। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर राममोहन पाठक ने कहा कि नयी सदी के स्वर का संपादन, अक्षर ब्रह्म को संपादित करने जैसा है। यह संपादन प्लेटो को चुनौती देने का कार्य है। प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप ने कहा कि ग्रंथ का संपादन साहित्यिक तपस्या और संपादक तपस्वी हैं।
हृदयों को जोड़ने का उपक्रम है कविता  
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की डा.अनीता दुबे ने कहा कि यह कार्यक्रम कविता के माध्यम से हृदयों को जोड़ने का उपक्रम है। प्रोफेसर अर्जुन चव्हाण ने कहा कि कविता की मौत की चर्चा के बीच इस ग्रंथ का संपादन कविता और मनुष्य को जीवित रखने का अनुष्ठान है। विदेश मंत्रालय के राजभाषा के उपनिदेशक विनोद कुमार ने काशी को साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र बताया। प्रोफेसर अनुराग कुमार ने कहा कि नयी सदी के स्वर का भूगोल भाव विस्तृत है। अपर पुलिस आयुक्त सुभाषचंद्र दुबे ने कहा कि कविता, कम शब्दों में अधिक कहने की कला है। आगंतुकों का स्वागत कवि मधुकर मिश्र व संचालन डा.रामसुधार सिंह ने किया। 
सम्मान से मिली प्रेरणा : डा.नम्रता 
कार्यक्रम में मुंबई से डा.रोशनी किरण, अयोध्या से डा.शिवानी पांडेय, कर्नाटक से सुरभि सिंह, मऊ से डा.नम्रता श्रीवास्तव, गोरखपुर से प्रतिभा गुप्ता, भोलानाथ तिवारी विह्वल, गाजियाबाद से उपासना दीक्षित, डा.केशव जालान आदि की प्रमुख उपस्थिति रही। काशी से सम्मानित होकर लौटीं डा.नम्रता श्रीवास्तव ने बुलंद आवाज से बातचीत में कहा कि काशी में मिला सम्मान मेरे लिये विशेष और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने के लिये प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि जनपद के प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान हुआ है।  
 



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