सपा : लखनऊ में गरमाई मऊ की सियासत, अखिलेश ने किया प्रदेश अध्यक्ष को तलब 

12 Feb 2022

-कार्यालय से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के आवास तक उमेश पांडेय की उम्मीदवारी का जताया विरोध
-समाजवादी पार्टी से दावेदारी करने वाले दर्जनों पहुंचे लखनऊ, उम्मीदवार बदलने की उठाई मांग 

बुलंद आवाज ब्यूरो
------------------
लखनऊ :
समाजवादी पार्टी की मऊ की गरमाई सियासत से शनिवार को दिन ढलने के बाद लखनऊ गरम हो गया। पूर्व विधायक सुधाकर सिंह का टिकट काटकर बसपा से आए पूर्व विधायक उमेशचंद पांडेय को दिये जाने से नाराज सपा से उम्मीदवारी करने वाले सभी दावेदार लखनऊ पहुंच गये। सपा कार्यालय से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के निवास तक नारेबाजी कर उमेशचंद पांडेय का टिकट बदलकर अपने बीच से किसी को देने की मांग की। चुनावी रैली से लौटे अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं की नारेबाजी सुन गंभीर रुख अख्तियार कर लिये। उन्होंने तत्काल प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को तलब किया। संभव है एक-दो घंटे में कोई निर्णय आ जाए। 
टिकट बदलने से नाराजगी 
विधानसभा चुनाव का टिकट पाने के लिये साल भर पहले से पांच दर्जन समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आवेदन कर रखे थे। उन सबको दरकिनार कर पार्टी ने पहले घोसी के पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को उम्मीदवार बनाया। सुधाकर ने बतौर सपा प्रत्याशी शुक्रवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया। उसी दिन देर शाम बसपा से आए पूर्व विधायक उमेशचंद पांडेय को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चा तेजी से चली। उस पर शनिवार को जिलाध्यक्ष दूधनाथ यादव ने मुहर लगाई।
अखिलेश के पहुंचते ही नारेबाजी  
उधर उमेश चंद पांडेय को उम्मीदवार बनाये जाते ही सुधाकर सिंह व पूर्व में दावेदारी कर रखे पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र मिश्रा, राहुल दुबे, बलिया के पूर्व जिलाध्यक्ष आद्याशंकर यादव, रविंद्र यादव, लीलावती कुशवाहा, विनीत कुशवाहा, अवधेश यादव, अजय गुप्ता समेत दर्जनों दावेदार लखनऊ पहुंच गये। अखिलेश यादव के शाम करीब साढ़े छह बजे चुनावी जनसभा से लखनऊ पहुंचते ही सपा कार्यालय से लेकर उनके निवास तक नारेबाजी कर विरोध जताया। 
पर्सनल सेक्रेटरी से जाना घटनाक्रम 
नारेबाजी सुन अखिलेश यादव ने अपने पर्सनल सेक्रेेटरी को बाहर भेजा। उन्होंने वायरलेस सेट से नारेबाजी करने वालों में मधुबन के सभी संभावित उम्मीदवारों के बारे में जानकारी दी तो अखिलेश गंभीर हो उठे। उन्होंने तत्काल प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को तलब किया। समाचार लिखे जाने तक मऊ के मसले पर राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष की वार्ता जारी है। 
पार्टी के कैडर को टिकट देने की मांग 
नारेबाजी करने वाले नेता बाहर खड़े हैं। इनका कहना है कि उमेशचंद पांडेय ने बसपा सरकार में विधायक रहते समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दलित एक्ट के मुकदमे में फंसवाकर उत्पीड़न करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। सभी का एक स्वर से कहना था कि पार्टी के किसी भी दावेदार को टिकट दे दिया जाय, इस पर हम सबकी सहमत है, लेकिन उमेश पांडेय किसी भी सूरत में मंजूर नहीं हैं।  



अन्य समाचार