चीनी उद्योग को सरकार ने दी कई और रियायतें

13 Aug 2015

चालू पेराई सीजन में पैदा हुई चीनी उद्योग की मुश्किलें सुलझाने तथा गन्ना किसानों काबकाया भुगतान कराने के लिए सरकार ने कुछ और रियायतें देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में बुधवार को यह फैसला किया गया। गन्ना किसानों के भुगतान के लिए सरकार ने छह हजार करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की है। यह राशि पहले ही मंजूर की जा चुकी है, लेकिन इसकी शर्तों में पर्याप्त ढील देने का फैसला किया गया है।
सीसीईए के ताजा फैसले में दो बड़े प्रावधान किए गए हैं। पहले की शर्तों के मुताबिक इनमें 30 जून, 2015 तक 50 फीसद गन्ना मूल्य बकाया भुगतान करने वाली मिलों को ही इस रियायती कर्ज को प्राप्त करने की छूट थी। अब इसकी अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2015 कर दी गई है। इससे सुविधा का लाभ 90 फीसद से अधिक चीनी मिलें उठा सकेंगी।
दूसरी छूट के मुताबिक अब उन चीनी मिलों को भी यह रियायती कर्ज मिल सकेगा, जिन्होंने गन्ना बकाये का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है। उनके लिए सरकार ने दरवाजा खोल दिया है। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मिलों को अपना कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आने की पूरी संभावना है। सीसीइए के फैसले में कहा गया है कि किसानों को गन्ने का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। चीनी मिलों को उन किसानों की सूची बैंकों को मुहैया करानी होगी।
चालू पेराई सीजन में पैदा हुई चीनी उद्योग की मुश्किलें सुलझाने तथा गन्ना किसानों काबकाया भुगतान कराने के लिए सरकार ने कुछ और रियायतें देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में बुधवार को यह फैसला किया गया। गन्ना किसानों के भुगतान के लिए सरकार ने छह हजार करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की है। यह राशि पहले ही मंजूर की जा चुकी है, लेकिन इसकी शर्तों में पर्याप्त ढील देने का फैसला किया गया है।
सीसीईए के ताजा फैसले में दो बड़े प्रावधान किए गए हैं। पहले की शर्तों के मुताबिक इनमें 30 जून, 2015 तक 50 फीसद गन्ना मूल्य बकाया भुगतान करने वाली मिलों को ही इस रियायती कर्ज को प्राप्त करने की छूट थी। अब इसकी अवधि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2015 कर दी गई है। इससे सुविधा का लाभ 90 फीसद से अधिक चीनी मिलें उठा सकेंगी।
दूसरी छूट के मुताबिक अब उन चीनी मिलों को भी यह रियायती कर्ज मिल सकेगा, जिन्होंने गन्ना बकाये का शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है। उनके लिए सरकार ने दरवाजा खोल दिया है। इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मिलों को अपना कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों के भुगतान में तेजी आने की पूरी संभावना है। सीसीइए के फैसले में कहा गया है कि किसानों को गन्ने का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। चीनी मिलों को उन किसानों की सूची बैंकों को मुहैया करानी होगी।



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