चिरैयाकोट में 15वीं वर्षगांठ पर स्कूल ने दी हास्टल की सौगात

18 Oct 2021

---वार्षिकोत्सव---
-बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम से बांधी समां, महिला अध्यापकों ने भी प्रस्तुत किया गीत
-मूक नाटक के जरिये पीकेएस पब्लिक स्कूल की उन्नति व एमडी के संघर्ष को उकेरा

बुलंद आवाज ब्यूरो
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मऊ : चिरैयाकोट के पीकेएस पब्लिक स्कूल ने अपनी 15वीं वर्षगांठ पर हास्टल की सौगात दी। वार्षिकोत्सव समारोह में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम की जीवंत प्रस्तुति कर समां बांध दिया। बच्चों में कलाकार का पुट भरने वाली महिला टीचरों ने भी गीत की प्रस्तुति कर अपनी दक्षता का लोहा मनवाया। बच्चों ने मूक नाटक के जरिये पीकेएस स्कूल की स्थापना से लेकर अब तक की उन्नति व एमडी परवेज खान के संघर्ष को उकेरा। कोरोना काल में करीब डेढ़ साल तक बंद रहे स्कूल में रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दे रहे बच्चों में खासा उत्साह नजर आया। स्कूल प्रबंधन ने समारोह के आयोजन में कोरोना प्रोटोकाल का खास ख्याल रखा।
देशभक्ति गीतों पर नृत्य से आगाज
कार्यक्रम का आगाज देशभक्ति गीतों पर सामूहिक नृत्य से हुआ। छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक आकर्षक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। बच्चों के नृत्य, गीत, एकांकी का अभिनय करते समय मौजूद अभिभावक व अन्य लोगों को उनमें छिपी प्रतिभा का एहसास हुआ।
हजारों प्रतिभाओं को मिला मुकाम
पीकेएस पब्लिक स्कूल के एमडी परवेज खान ने अपने संबोधन में स्कूल के 15 साल का इतिहास बताया। कहा कि इस स्कूल से निकली हजारों प्रतिभाएं किसी न किसी मुकाम पर हैं। उनकी यादें सदा-सदा के लिये स्कूल से जुड़ गई हैं। उन्हें ग्रामीण परिवेश में उच्च क्वालिटी की शिक्षा हासिल करने पर गर्व होता है।
18 अक्टूबर 2006 को रखी नींव
एमडी ने कहा कि 18 अक्टूबर 2006 को इस स्कूल की नींव रखी गई। शुरुआत में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। जज्बा, साहस व स्कूल के अध्यापक व कर्मचारियों के अंदर की टीम भावना धीरे-धीरे स्कूल को उत्थान के मार्ग पर ले गई। उन्होंने संघर्ष के दम पर खड़े हुए पीकेएस पब्लिक स्कूल में आज के समय में मिल रही आधुनिक शिक्षा व संसाधन की उपलब्धता के बारे में बताया। साथ ही भविष्य में अत्याधुनिक शिक्षा की संभावनाओं को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि आज हास्टल की व्यवस्था देकर यह स्कूल इस तरफ बढ़ चला है कि यहां के बच्चे शहरों की ओर नहीं, शहर से बच्चे यहां रहकर शिक्षा ग्रहण करने आएंगे। आम इंसान के सामर्थ्य से कही ज्यादा महंगे स्कूलों जैसी शिक्षा तक कम खर्च पर सबकी पहुंच होगी। स्कूल की प्रधानाचार्य ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।



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