हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती.. सुन सभी हुए गंभीर

03 Oct 2021

-पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

बुलंद आवाज ब्यूरो
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जौनपुर : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत 3 अक्टूबर की शाम महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। देश के प्रख्यात कवियों ने श्रोताओं को अपनी रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ, सेंटर आफ एक्सीलेंस जनसंचार विभाग एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के तत्वावधान में किया गया । कवि सम्मेलन का प्रायोजक पंजाब नेशनल बैंक रहा।
विश्वविद्यालय के लिए हुआ लंबा संघर्ष : गिरीश चंद्र यादव
मुख्य अतिथि आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद पूर्वांचल विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। यहां से निकले लोग पूरे देश में जिले का मान बढ़ा रहे है। विशिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। उन्होंने देवी गीत प्रस्तुत किया।विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने अतिथियों का स्वागत किया। मीरा की पीड़ा मीरा ने ही जानी। जली थी सतत वह ... काव्य रचना सुनाई।
अलीगढ़ से आये कवि डा. विष्णु सक्सेना ने पती हुई जमीन है जलधार बांटता हूं, पतझड़ के रास्ते पर मैं बहार बांटता हूं, ये आग का है दरिया जीना है बहुत मुश्किल, नफरत के दौर में भी मैं प्यार बांटता हूं समेत तमाम रचनाएं प्रस्तुत की।
इंदौर से आई डा. भुवन मोहिनी ने यहां हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती कविता सुना कर बेटियों का मान बढ़ाया। प्रयागराज के अखिलेश द्विवेदी ने अपनी हास्य कविताओं से लोगों को खूब ठहाके लगवाया। वाराणसी के वरिष्ठ कवि हरिराम द्विवेदी ने गीत, छंद और मुक्तक की अद्वितीय प्रस्तुति की।
भरतपुर से भगवानदास मकरंद ने ठोंको ताली, वाह-वाह करते करते एक दिन क्या पता था ऐसी उठापटक मचाएंगे समेत कई रचनाएं प्रस्तुत की। वाराणसी के अभिनव अरुण ने हिंदी और उर्दू से मोहब्बत जुबां हिंदुस्तानी बोलता हूं से जोश भर दिया।
अयोध्या के डा. श्रवण कुमार ने कुछ बातें जो बिना कहे ही महसूस की जाती हैं। कुछ यादें जो सीधे लोगों के दिल में उतर जाती हैं। कुछ रिश्ते जो भीनी खुशबू के झोंकों से होते हैं, जिन्हें जिंदगी नाम कोई दे नहीं पाती सुनाया। जौनपुर के सभाजीत द्विवेदी ने जब भी हम करें एकता की बात करें साम्प्रदायिक सौहार्द काव्यपाठ किया। जयपुर के अशोक चारण ने कवि सम्मेलन का संचालन किया। कार्यक्रम के संयोजक डा. मनोज मिश्र ने संचालन किया।
इनकी रही प्रमुख उपस्थिति
पीएनबी मंडल कार्यालय वाराणसी के मंडल प्रमुख राजेश कुमार, राम बहादुर, वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके पांडेय, वित्त अधिकारी संजय राय, कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंता बीएन सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. वंदना राय, आचार्य विक्रमदेव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. देवराज सिंह, डा. विजय सिंह, डा. विजय प्रताप तिवारी, डा. रसिकेश, डा. राजकुमार, डा. राकेश कुमार यादव, डा. संतोष कुमार, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा.अवध बिहारी सिंह, डा. मनोज पांडेय, डा. प्रमेंद्र विक्रम सिंह, विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थीगण उपस्थित थे।



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