मंदिर न मस्जिद न शिवालय चाहिए, यहां के लिए विश्वविद्यालय चाहिए

17 Feb 2019

-आओ कहें दिल की बात कार्यक्रम का हुआ आयोजन, नवांकुर रचनाकारों ने किया काव्यपाठ

बुलंद आवाज ब्यूरो
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आजमगढ़ : आओ कहें दिल की बात कविता लघु कथा स्पेशल कार्यक्रम में जनपद के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। कैश जौनपुरी एवं मातृभारती के संयुक्त तत्वावधान में हाफिजपुर स्थित विजडम इंटरनेशनल स्कूल में रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉक्टर सोनी पांडे ने कहा कि जनपद ने नए रचनाकारों की सृजनधर्मिता उन्हें ऊंचे मुकाम पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि साहित्य को समझने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। अध्यक्षीय संबोधन में डॉक्टर ईश्वर चंद त्रिपाठी ने कहा कि आज नकली सिक्कों से असली सिक्के समाज में अपनी पहचान खोते रहे हैं। इस मंच ने समाज के असली रचनाकारों को मंच देकर नई पहचान दिलाई है।
जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता डॉक्टर आरसी चौहान ने नदिया पवित्र धारा जो बही है सभ्यताओं की कलाई पर रक्षासूत्र की कलाई पर सुनाया। आओ कहें दिल की बात कार्यक्रम में रचनाकारों ने अपनी कविता के माध्यम से किसी ने महिला मुद्दों को उठाया किसी ने प्रेम पर बात की तो किसी ने समाज के दर्द को बयां किया। डॉक्टर प्रतिभा सिंह ने सुनो सिद्धार्थ कविता प्रस्तुत की। पंकज कुमार मिश्र ने सपनों की पालकी कविता सुनाई।
कहूं क्या प्रिये याद आने लगी हो कविता प्रस्तुत कर राकेश कुमार पांडे ने बड़े मार्मिक ढंग से दर्द को बयां किया। प्राइमरी विद्यालय की शिक्षिका डॉक्टर पूजा पांडे ने शर्मा जी की आत्मकथा कविता प्रस्तुत कर मिलावटखोरों पर सवाल उठाया। दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा तरु परणिका श्रीनेत ने भ्रूण हत्या को अपने शब्दों से बयां किया। तू सुख है तू आजाद है को लोगों ने खूब सराहा।
सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सिंह नीरज ने अपनी गजल मंजिल तुम पाई सफर में रह गए हम सुनाया। डॉ इंदु श्रीवास्तव ने काल की मौना एवं फाइन आर्ट सेंटर के निदेशक डॉक्टर लीना मिश्रा ने मैंने कहा हां कविता का पाठ किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संदीप गांधी नेहाल ने न मंदिर न मस्जिद न शिवालय चाहिए आजमगढ़ के लिए एक विश्वविद्यालय चाहिए सुनाकर जनपद वासियों को की आवाज को कविता के माध्यम से उठाया। अनामिका सिंह पालीवाल ने अपनी लघु कथा सुनाई।
इसी क्रम में डॉक्टर आशा सिंह ने रंग काटों का अनायास न बिखरा होगा की प्रस्तुति दी तो प्रेम गम आजमी एवं डॉक्टर विदेशी श्रीवास्तव, प्रतिमा पांडेय ने भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। प्रधानाचार्य वेद प्रकाश तिवारी ने रचनाकारों को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन कैश जौनपुरी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर डॉ. कौशलेंद्र मिश्र, डॉ. अखिलेश चंद्र, डॉ. अनीता साइलेंस, पूनम सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।



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